बिजली देने व वापस लेने की पुरानी व्यवस्था में सरकार करने जा रही बदलाव, पढ़ें खबर

Edited By kirti, Updated: 03 Feb, 2019 09:55 AM

changes to the government in the old

पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग सिस्टम से बिजली देने व वापस लेने की पुरानी व्यवस्था में सरकार बदलाव करने की योजना बना रही है। मैदानी राज्यों में गर्मियों के दौरान बिजली की अधिक मांग व ऊंचे दाम को देखते हुए सरकार बैंकिंग सिस्टम की प्रथा को खत्म करना चाह...

शिमला : पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग सिस्टम से बिजली देने व वापस लेने की पुरानी व्यवस्था में सरकार बदलाव करने की योजना बना रही है। मैदानी राज्यों में गर्मियों के दौरान बिजली की अधिक मांग व ऊंचे दाम को देखते हुए सरकार बैंकिंग सिस्टम की प्रथा को खत्म करना चाह रही है। इसे लेकर ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बिजली बोर्ड से रिपोर्ट तलब की है। बताया जा रहा है कि गर्मियों में बिजली के दाम सर्दियों की तुलना में कहीं अधिक होते हैं, ऐसे में गर्मियों में पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग सिस्टम के तहत बिजली देने की बजाय बेचकर हिमाचल मुनाफा कमाएगा। हिमाचल प्रदेश पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ समेत दिल्ली को भी कई सालों से बैंकिंग सिस्टम के तहत उधार बिजली देता है। जितनी बिजली हिमाचल इन पड़ोसी राज्यों को गर्मियों में देता है, उतनी ही बिजली सर्दियों के दौरान मुफ्त में हिमाचल वापस लेता है क्योंकि सर्दियों में ग्लेशियरों के जम जाने की वजह से प्रदेश के नदी-नालों में पानी का स्तर बहुत गिर जाता है।

इस वजह से प्रदेश में नवम्बर के दूसरे पखवाड़े के बाद से विद्युत उत्पादन गिरना शुरूहो जाता है और मार्च तक पूरा उत्पादन नहीं हो पाता। कई बार 50 लाख यूनिट तक विद्युत उत्पादन गिर जाता है जबकि सॢदयों में बिजली की मांग 300 लाख यूनिट से ज्यादा की हो जाती है। ऐसे में प्रदेश के 22 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली देने के लिए पड़ोसी राज्यों से कुछ बिजली खरीदी जाती है और कुछ बिजली बैंकिंग सिस्टम से पड़ोसी राज्यों से वापस ली जाती है। इसी तरह गर्मियों के दौरान हिमाचल सरप्लस विद्युत उत्पादन करता है और उस दौरान हिमाचल सरप्लस बिजली पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग के आधार पर देता है। गर्मियों में कई बार 5 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली के दाम हो जाते हैं जबकि सर्दियों में अधिकतम 3.50 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बिकती है। हिमाचल हर साल बैंकिंग आधार पर लगभग 1,200 मिलियन यूनिट बिजली का आदान-प्रदान करता है।

बिजली बेच कर कमाए 1,148 करोड़

 

हिमाचल ने इस साल अभी तक 1,148 करोड़ रुपए की बिजली बेच ली है जबकि लक्ष्य 850 करोड़ का रखा गया था। बता दें कि सरकार को विभिन्न परियोजनाओं से हिस्सेदारी के साथ-साथ प्रदेश में चल रहे पावर प्रोजैक्टों से नि:शुल्क मिलने वाली 12 फीसदी बिजली की बिक्री बिजली बोर्ड करता है।

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