Edited By Ekta, Updated: 23 Jul, 2019 09:34 AM
श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का सफल परीक्षण हुआ, जिसे भारत की अंतरिक्ष में एक और बहुत बड़ी छलांग के रूप में देखा गया है। इसरो के मुताबिक उम्मीद से भी अधिक चंद्रयान-2 की लांचिंग हुई है। कुछ समय पहले हमने मंगलयान का सफल परीक्षण किया था और इसी तरह से...
हमीरपुर (राजीव): श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का सफल परीक्षण हुआ, जिसे भारत की अंतरिक्ष में एक और बहुत बड़ी छलांग के रूप में देखा गया है। इसरो के मुताबिक उम्मीद से भी अधिक चंद्रयान-2 की लांचिंग हुई है। कुछ समय पहले हमने मंगलयान का सफल परीक्षण किया था और इसी तरह से चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी भाग में उतरेगा। चंद्रयान-2 के चांद की सतह पर सफलता पूर्वक उतरने के बाद भारत विश्व का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जिसने धरती से चंद्रमा की दूरी तय की और यह भारत की ऐतिहासिक जीत के रूप में देखा जाएगा। भारत से पहले अमरीका, रूस और चीन ने यह उपलब्धि हासिल की है। इसरो की इस कामयाबी को भारत के सभी नागरिकों व मेरी तरफ से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं हैं।
चंद्रयान-2 की सहायता से पृथ्वी उत्पत्ति के कई रहस्यों की जानकारी मिलेगी। चंद्रमा की सतह पर किस तरह के खनिज पदार्थ व जल होने की क्या संभावनाएं हैं, इन सभी पर अब आसानी से खोज हो सकेगी। पिछले कुछ वर्षों में देश के प्रति राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हुई है, जिससे वैज्ञानिकों की मेहनत आज पूरा विश्व देख रहा है। मोदी सरकार हमेशा अपने वैज्ञानिकों के साथ खड़ी है। स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने एक नारा दिया था जय जवान जय किसान पर भारत अब एक और नई दिशा की ओर बढ़ चुका है। अब भारत को जय विज्ञान के नाम से भी जाना जाएगा और जल्द ही 2021-22 में भारत का नागरिक गगनयान से चंद्रमा की सतह पर अपने कदम रख देश का तिरंगा फहराएगा। यह जानकारी प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया प्रभारी विनोद ठाकुर ने दी है।