गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने को बारिश से 5 घंटे तक लड़ा परिवार

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Sep, 2018 11:23 PM

chamba pregnant family god

सोमवार को तेज तूफान व बारिश में गांव ढरूआ पी.ओ. सरू का एक परिवार एक गर्भवती महिला को चम्बा मुख्यालय मैडीकल कालेज में पहुंचाने के लिए 5 घंटों तक जिंदगी व मौत से लड़ता हुआ पहुंचा।

चम्बा (डैनियल):  सोमवार को तेज तूफान व बारिश में गांव ढरूआ पी.ओ. सरू का एक परिवार एक गर्भवती महिला को चम्बा मुख्यालय मैडीकल कालेज में पहुंचाने के लिए 5 घंटों तक जिंदगी व मौत से लड़ता हुआ पहुंचा। इस गर्भवती महिला को सुरक्षित चिकित्सालय पहुंचाने बाद परिवार को शिशु की किलकारियां सुनना नसीब हुईं। इस महिला का सुरक्षित प्रसव होने के बाद अब वह मैडीकल कालेज में भर्ती है। जानकारी अनुसार ढरूआ गांव में पृथ्वी चंद का गरीब परिवार जोकि दिहाड़ी का काम करता है। पृथ्वी चंद की बहू पूजा को रविवार मध्यरात्रि दो बजे प्रसव की हल्की पीड़ा होना शुरू हो गई।

108 के लिए संपर्क करना चाहा तो मोबाइल नैटवर्क साथ छोड़ गया
जिसके बाद सोमवार सुबह साढ़े 4 बजे जब उसकी हालत खराब हो गई तो परिवार के सदस्यों ने इसे चिकित्सालय ले जाना जरूरी समझा। जिसके लिए जब उन्होंने 108 के लिए संपर्क करना चाहा तो मोबाइल नैटवर्क साथ छोड़ गया। वहीं दूसरी और बहू की हालत और बिगडऩे पर उसकी सास रीना व पति सुदेश ने गर्भवती महिला को पैदल ही ले जाने का निर्णय लिया। जैसे-तैसे वह वार्ड सुल्तानपुर में पहुंचे। वहां से एक टैक्सी कर वह सीधा मैडीकल कालेज चम्बा में पहुंचे। जहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से उन्होंने बहू को भर्ती करवाया वहां पर गायनी विशेषज्ञ व अन्य स्टाफ  ने उसकी प्रसूति करवाई।


मेरे सास, ससुर व पति भगवान का रूप
 तमाम प्राकृतिक आपदा कष्टों व सीमित साधनों के अभाव से गुजरने के बाद मां बनी पूजा पत्नि सुदेश निवासी गांव ढरूआ का कहना है कि उसने पिछले जन्म शायद कोई पुण्य किए होंगे कि उन्हें भगवान रूप में सास रीना, ससुर पृथ्वी व पति सुदेश प्राप्त हुए हैं। मां बनने से पूर्व भी पहले दिन से ससुराल में बेटी की तरह दर्जा व प्यार मिला। जबकि उसकी प्रसव पीड़ा के दौरान परिवार के सदस्यों ने जो साथ उनका दिया है वह उसकी सदैव ऋणी रहेंगी।  


बहू को सदैव बेटी की तरह समझा : रीनाव पृथ्वी
सास रीना व ससुर पृथ्वी चंद का कहना है कि बेटा, बेटी व बहू में कोई अंतर नहीं है। जिसके चलते उन्होंने अपनी बहू को सदैव बेटी तरह जहां समझा है वहीं बहू ने भी कभी मां-बाप से कम दर्जा उन्हें प्रदान नहीं किया है। दूसरा गर्भवती अवस्था में इंसान में एक इंसानियत भी होती है। जिसका सब को पालन करना चाहिए वह ही हमारे परिवार ने किया। जोकि मां-बाप होने के नाते फर्ज भी था।


परिवार के हौसले की चिकित्सक ने भी की जमकर प्रशंसा
मैडीकल कालेज एवं चिकित्सालय चम्बा गायनी विशेषज्ञ विक्रांत ने बताया किधात्री माता पूजा के परिवार के हौसले की वह प्रशंसा करते हैं। जिन्होंने खराब मौसम में भी हिम्मत करते हुए गर्भवती महिला को उचित समय के अंदर चिकित्सालय पहुंचाया, जिससे चिकित्सकों ने महिला की हालत देखते हुए तुरंत प्रसव प्रक्रिया पूर्ण की। मां व शिशु दोनों सुरक्षित हंै और आगामी दो-चार दिनों में उन्हें छुट्टी कर दी जाएगी।

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