Edited By Ekta, Updated: 13 Sep, 2018 09:40 AM
उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन से भेंट की तथा प्रदेश के सिरमौर जिला में पट्टे पर दी गई खदानों के संदर्भ में खनन मालिकों को आ रही समस्याओं पर...
शिमला: उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन से भेंट की तथा प्रदेश के सिरमौर जिला में पट्टे पर दी गई खदानों के संदर्भ में खनन मालिकों को आ रही समस्याओं पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि खनन पट्टे धारकों को केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत पहले से प्रदान की गई पर्यावरण स्वीकृति पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि यह लोग प्रदेश सरकार की तरफ से विधिवत दी गई स्वीकृति के बाद खनन गतिविधियां में लिप्त थे। स्वीकृतियां जारी करने से पूर्व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी वांछित स्वीकृतियां विभिन्न सरकारी एजैंसियों से ली गई थीं।
पर्यावरण स्वीकृति से संबंधित मामले, जो राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 4 मई, 2016 को पारित आदेशों के बाद अनिवार्य मामलों में मंत्रालय के पास निर्णय के लिए लम्बित पड़े थे, हालांकि संबंधित पक्षों ने इन मुद्दों को समय रहते मंत्रालय से उठाया था। विक्रम सिंह ने कहा कि पर्यावरण तथा वन मंत्रालय की तरफ से पर्यावरण स्वीकृति को रोकने की वजह से खनन गतिविधियां बंद होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार का नुक्सान हुआ है। इसके कारण गरीबी, बेरोजगारी तथा गैर-व्यवहार्य आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता में कमी आई है। उन्होंने मांग की कि केंद्रीय मंत्री को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से समीक्षा व हस्तक्षेप करना चाहिए तथा पर्यावरण स्वीकृति जो वन तथा पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से रोक दी गई है, की बहाली पर विचार करना चाहिए।