Edited By Vijay, Updated: 14 Jan, 2020 06:43 PM
केंद्र सरकार ने हिमाचल में फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला को मजबूत करने के लिए 3.70 करोड़ की राशि जारी की है। 1.48 करोड़ और 2.22 करोड़ की 2 अलग-अलग किस्तों के तहत निर्भया फंड से यह राशि जारी हुई है। इसके माध्यम से फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला में डीएनए...
शिमला (ब्यूरो): केंद्र सरकार ने हिमाचल में फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला को मजबूत करने के लिए 3.70 करोड़ की राशि जारी की है। 1.48 करोड़ और 2.22 करोड़ की 2 अलग-अलग किस्तों के तहत निर्भया फंड से यह राशि जारी हुई है। इसके माध्यम से फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला में डीएनए वि£शेषण, साइबर फोरैंसिक सहित अन्यों सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। नए उपकरणों की खरीद के साथ ही स्टाफ की भी तैनाती होगी। फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला जुन्गा के साथ-साथ मंडी और धर्मशाला लैब को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। इससे पहले भी निर्भया फंड के अंतर्गत केंद्र प्रदेश को धनराशि जारी कर चुका है।
पहले चंडीगढ़ व अहमदाबाद में करवानी पड़ती थी वॉइस सैंपलों की जांच
प्रदेश में वॉइस एनालिसिज की सुविधा भी उपलब्ध है। इससे पहले जांच एजैंसियों को वॉइस सैंपलों की जांच चंडीगढ़ व अहमदाबाद स्थित प्रयोगशालाओं से करवानी पड़ती थी। इस प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता है और रिपोर्ट समय पर न मिलने से मामले की जांच अधर में लटक जाती थी। जुन्गा स्थित फोरैंसिक साइंस लैब में वॉइस सैंपल की जांच की व्यवस्था शुरू होने से मामलों की जांच में गति आई है। इसके साथ ही हैंडराइटिंग के नमूनों और दस्तावेजों के वि£शेषण की सुविधा भी प्रदेश में उपलब्ध है।
मार्च माह से शुरू होगी डीएनए टैस्ट की सुविधा
प्रदेश की मंडी और धर्मशाला फोरैंसिक लैब में आगामी मार्च माह से डीएनए टैस्ट की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके तहत अधिकतर उपकरणों की खरीद कर ली गई है। ऐसा होने से डीएनए के सैंपलों को जांच के लिए शिमला नहीं भेजा जाएगा और मामलों की जांच में भी तेजी आएगी। शिमला के जुन्गा स्थित फोरैंसिक लैब विज्ञान प्रयोगशाला में यह सुविधा उपलब्ध है।
साइबर फोरैंसिक लैब भी होगी स्थापित
प्रदेश में साइबर फोरैंसिक लैब भी स्थापित की जा रही है। फोरैंसिक साइंस प्रयोगशाला जुन्गा में इसे स्थापित किया जा रहा है। इसके तहत कई उपकरणों की खरीद भी की जा चुकी और स्टाफ की नियुक्तियां की जा रही हैं। इस लैब से साबइर क्राइम से जुड़े मामलों की छानबीन में तेजी आएगी।