केंद्र ने हिमाचल के मनरेगा बजट में की इतने करोड़ की बढ़ौतरी, जानने के लिए पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 14 Sep, 2018 09:27 PM

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हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले मनरेगा के बजट में बढ़ौतरी की गई है। केंद्र सरकार की तरफ से 250 करोड़ रुपए की गई है। इसके चलते मनरेगा का वार्षिक बजट बढ़कर 750 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इससे पहले गत वर्ष राज्य के लिए 500 करोड़...

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले मनरेगा के बजट में बढ़ौतरी की गई है। केंद्र सरकार की तरफ से 250 करोड़ रुपए की गई है। इसके चलते मनरेगा का वार्षिक बजट बढ़कर 750 करोड़ रुपए पहुंच गया है। इससे पहले गत वर्ष राज्य के लिए 500 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। बजट में 250 करोड़ रुपए की बढ़ौतरी के बाद राज्य सरकार ने ग्रामीण स्तर पर इस राशि को व्यय करना शुरू कर दिया है। इसमें से बीते जुलाई माह तक 350 करोड़ रुपए विभिन्न कार्यों पर व्यय किए गए हैं।

मनरेगा के दायरे को बढ़ाने जा रही राज्य सरकार
उल्लेखनीय है कि मनरेगा के तहत आने वाली राशि को मुख्य रूप से ग्रामीण स्तर पर पंचायतों की तरफ से खर्च किया जाता है। राशि को कहां पर खर्च करना है, इसका निर्णय ग्राम सभा की बैठक में लिया जाता है। अब राज्य सरकार मनरेगा के दायरे को बढ़ाने जा रही है, जिससे इसमें बागवानी, मत्स्य और पशुपालन को भी जोड़ा जाएगा, साथ ही समूह में काम करने वाली महिलाओं को लाभ देने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि घर में बैठे बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को आजीविका का साधन मिल सके। इसी तरह लोगों से मिलने वाले सुझाव के आधार पर भी मनरेगा के तहत काम किया जा रहा है। सरकार देसी नस्ल की गाय को पशुपालन में प्राथमिकता का विचार रखती है और इसके लिए नई ब्रीडिंग पॉलिसी को भी लाने पर विचार किया जा रहा है। पशुपालन को प्राकृतिक खेती से भी जोड़ा जा रहा है, जिससे कम बजट में अधिक उत्पादन हो सके।

मनरेगा में हिमाचल को कब क्या मिला
सरकार मनरेगा के तहत राशि खर्च करने में अव्वल रही है। वर्ष, 2013-14 में 273.19 लाख रुपए के मुकाबले राज्य को 284 करोड़ रुपए मिले, जिससे 103 फीसदी उपलब्धि हासिल हुई। इसी तरह वर्ष, 2014-15 में 276.80 लाख रुपए का टारगेट दिया। वर्ष, 2015-16 में अधिक राशि खर्चने में कांगड़ा, ऊना, सोलन व किन्नौर जिला अव्वल रहे। इसके अलावा 8 जिलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा कम राशि खर्च हुई है। वर्ष, 2017-18 में प्रदेश को 500 करोड़ रुपए मिले तथा वर्ष, 2018-19 के दौरान 750 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं।

केंद्र ने रखा हिमाचल का ख्याल : कंवर
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने संपर्क करने पर बताया कि मनरेगा के तहत प्रदेश का बजट 500 से बढ़कर 750 करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के हितों का ख्याल रखा है। प्रदेश सरकार ने भी बीते जुलाई माह तक 350 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। 

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