Edited By prashant sharma, Updated: 23 Jun, 2020 06:10 PM
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने एनआईटी हमीरपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड टू की भर्तियों को लेकर एनआईटी प्रशासन पर फिर बड़ा हमला बोला है।
हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने एनआईटी हमीरपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड टू की भर्तियों को लेकर एनआईटी प्रशासन पर फिर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इन भर्तियों में नियमों को दरकिनार करके मानव संसाधन मंत्रालय को ठेंगा दिखाते हुए एनआईटी हमीरपुर ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने कहा कि एमएचआरडी के नियमों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड टू के पद की भर्तियां अनुबंध के आधार पर करने का नियम व प्रावधान है। एनआईटी के विज्ञापन नंबर 7/2018 तिथि 8.8.2018 व विज्ञापन नंबर एडम02/2019 तिथि 4.6.2019 में लगभग 60 लोगों से अधिक लोगों की रेगुलर भर्तियां की गई हैं। जबकि एमएचआरडी के नियमों के मुताबिक यह भर्तियां अनुबंध के आधार पर की जानी जरूरी थी।
देश के सभी एनआईटी में शिक्षिक भर्ती नियम एक जैसे लागू होते हैं लेकिन एनआईटी हमीरपुर ने एमएचआरडी के नियमों से ऊपर उठकर मनमर्जी के आधार पर रेगुलर भर्तियां कर डाली हैं। उन्होंने कहा कि एनआईटी जालंधर, एनआईटी इलाहबाद, एनआईटी जयपुर के भर्ती नियुक्ति पत्रों को देखा जाए तो देश के सभी एनआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड टू की नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर की गई हैं। लेकिन इकलौते एनआईटी हमीरपुर ने तमाम नियमों को दरकिनार करते हुए यह नियुक्तियां रेगुलर आधार पर की हैं। इससे एनआईटी की कारगुजारी सवालों-संदेह के घेरे में आती हुई कटघरे में है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों में भर्ती किए गए लोगों को वह तमाम बेनिफिट दिए गए हैं जो रेगुलर कर्मचारी को दिए जाते हैं। भर्ती नियम के अनुसार एक साल का प्रोवेशनल पीरियड दिया जाता है जो कि अनुबंध नियुक्तियों में नहीं दिया जा सकता है। असिस्टेंट प्रोफेसर ग्रेड टू की इन भर्तियों को न्यू पैंशन स्कीम के तहत पैंशन स्कीम में भी डाला गया है जो कि नियमों के विपरीत है। इस तरह इन भर्तियों में सीपीडीए, चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस, एलटीसी, सीड मनी के रूप में एनआईटी का बजट दोनों हाथों से लुटाया जा रहा है। इतना ही नहीं ताजा भर्ती हुए इन लोगों को मनमर्जी के मुताबिक एनआईटी रिसर्च प्रोजेक्ट भी बांट रहा है, जो कि नियमों के खिलाफ है।
उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस कथित भर्ती भ्रष्टाचार में सांसद अनुराग ठाकुर की रहस्यमयी चुप्पी का राज क्या है? इसका भी खुलासा होना अभी बाकी है। क्योंकि यह भर्ती घोटाला राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान एनआईटी हमीरपुर अनुराग ठाकुर के गृह जिला में हुआ है। केंद्र में मंत्री पद पर रहते हुए अनुराग ठाकुर भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं। राणा ने मानव संसाधन मंत्री व निशंक पोखरियाल से मांग की है कि एनआईटी हमीरपुर में हुए भर्ती घोटाले के कारण छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। अतः इस गंभीर मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए। उधर एनआईटी के डायरेक्टर विनोद यादव का कहना है कि यह भर्तियां उन्होंने नहीं की हैं। यह भर्तियां बीओजी कमेटी करती है। इसलिए यह कहना कि भर्तियां एनआईटी डायरेक्टर ने की हैं गलत होगा।