Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Jan, 2018 10:03 PM
देवदार के जंगल में पेड़ से उलटे लटके मिले वनरक्षक होशियार सिंह केस का रहस्य बरकरार है।
शिमला: देवदार के जंगल में पेड़ से उलटे लटके मिले वनरक्षक होशियार सिंह केस का रहस्य बरकरार है। वन विभाग के कर्मी की हत्या हुई या फिर उसने आत्महत्या की, इसका 7 माह बाद भी कोई खुलासा नहीं हुआ है। मामले की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में जुटी सी.बी.आई. को भी अभी तक छानबीन में कोई पुख्ता साक्ष्य हाथ नहीं लगा है, ऐसे में मामला जस का तस बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. अपनी छानबीन के तहत इस मामले को हत्या से जोड़ कर जांच कर रही है। इसके तहत शक के दायरे में चल रहे कुछ लोगों से पूछताछ भी की जा चुकी है। छानबीन को आगे बढ़ाते हुए सी.बी.आई. जल्द ही कुछ लोगों के विभिन्न तरह के टैस्ट भी करवा सकती है। इस मामले को लेकर सी.बी.आई. ने 3 अलग-अलग एफ.आई.आर. दर्ज की हैं। ये एफ.आई.आर. सी.बी.आई. की शिमला शाखा द्वारा बीते 27 अक्तूबर को दर्ज की गई थीं।
पहले पुलिस फिर सी.आई.डी. तो अब सी.बी.आई.
बहुचर्चित वन रक्षक होशियार सिंह केस की शुरूआती जांच स्थानीय पुलिस द्वारा अमल में लाई गई थी। इसके बाद मामले की जांच सी.आई.डी. को दी गई और अब केंद्रीय जांच एजैंसी सी.बी.आई. मामले की जांच कर रही है। सी.बी.आई. पुलिस और सी.आई.डी. की जांच से जुड़ी रिपोर्ट भी खंगाल चुकी है।
क्या है मामला
बीते 9 जून को मंडी के कटांडा बीट में वन रक्षक होशियार सिंह का शव पेड़ पर उलटा लटका हुआ मिला था। इसके तहत पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज अपनी प्रारम्भिक जांच शुरू की, लेकिन बाद में यह मामला आत्महत्या में बदल दिया गया, ऐसे में लोगों ने पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, जिसके बाद मामले की जांच सी.आई.डी. के सुपुर्द कर दी गई। इसके बाद सी.आई.डी. की जांच पर भी सवाल उठे और मामले की जांच सी.बी.आई. को सौंपने के लिए एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दर्ज हुई। इसी कड़ी में यह मामला अदालत से सी.बी.आई. को सौंपने के आदेश दिए गए।