इंस्ट्रक्टर भर्ती प्रक्रिया रद्द होने पर अभ्यर्थियों ने दी हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2019 10:38 PM

candidates warned of going to highcourt on canceling the instructor recruitment

इंस्ट्रक्टर भर्ती प्रक्रिया रद्द होने के बाद सुंदरनगर के शिकायतकर्ता अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी, जिसके चलते अब इस भर्ती की धांधली में संलिप्त अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है। शिकायतकर्ता पूनम, हर्षा और परिजन सचिन...

सुंदरनगर/कांगड़ा (अंसारी/ किशोर): इंस्ट्रक्टर भर्ती प्रक्रिया रद्द होने के बाद सुंदरनगर के शिकायतकर्ता अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी, जिसके चलते अब इस भर्ती की धांधली में संलिप्त अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है। शिकायतकर्ता पूनम, हर्षा और परिजन सचिन तथा प्रकाश ने कहा कि जांचकर्ता से धांधली में शामिल अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है लेकिन विभाग ने कोई सुनवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भर्ती रद्द होने से 400 पात्र लोगों के साथ उनका भी नुक्सान हुआ है।

सुंदरनगर की दिव्यांग आई.टी.आई. में हुई थी धांधली

बताते चलें कि सुंदरनगर की दिव्यांग आई.टी.आई. में 28 सितम्बर से 9 अक्तू बर लिखित परीक्षा के दौरान धांधली की गई थी, जिसकी पूनम और हर्षा ने राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश से मामले की तथ्यों सहित शिकायत की थी जिसके दबाव में विभाग ने जांच के आदेश किए थे। जांच के बाद पहले भर्ती पर रोक लगाई गई थी और अब जांच में धांधली के  आरोप सत्य पाए जाने पर कार्रवाई की गई। प्रदेश के तकनीकी निदेशालय में तकनीकी निदेशक शुभकरण सिंह के 5 फरवरी को पत्र संख्या 7651-8081 के तहत आई.टी.आई. इंस्ट्रक्टर की भर्ती रद्द कर दी है लेकिन अभी तक धांधली में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इस कारण रद्द हुई भर्ती

2 महिला अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए थे कि सुंदरनगर की दिव्यांग आई.टी.आई. में परीक्षार्थियों ने लिखित परीक्षा में राजनेता और अधिकारियों के संबंधियों की नियुक्ति के लिए भर्ती के लिए इंटरव्यू के नाम पर बड़ा फ्रॉड किया गया है। दोनों ने आरोप लगाए गए थे कि सलैक्शन कमेटी और आई.टी.आई. के अधिकारियों ने धांधली कर चहेतों को परीक्षा में जारी ओ.एम.आर. शीट के खाली होने के बावजूद भी पास किया, ओ.एम.आर. शीट पर कोई सीरियल नंबर अंकित नहीं था, परीक्षा हॉल में कैमरा तक नहीं लगा था और न ही ओ.एम.आर. शीट को सील किया गया। इसके अलावा ये भी आरोप थे कि कुछ दिनों के बाद करीब आधा दर्जन से अधिक परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए ही पास कर डाला गया।

न्यायालय जाएंगे, अनशन पर बैठेंगे अभ्यर्थी

उधर, प्रदेश तकनीकी शिक्षा विभाग में आई.टी.आई. इंस्ट्रक्टर भर्ती को रद्द किए जाने पर अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 248 युवाओं के भविष्य पर तलवार लटक गई है। सरकार द्वारा भर्ती रद्द किए जाने के फैसले को वापस न लिए जाने पर अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी है। अभ्यर्थी आशीष, दीपक व विशाल ने कहा कि तकनीकी विभाग ने पिछले वर्ष सितम्बर-अक्तूबर माह में आई.एम.सी. के तहत लिखित परीक्षा आई.टी.आई. शाहपुर, उदयपुर, शिमला और सुंदरनगर में विभिन्न तिथियों में ली थी। उन्होंने कहा कि सभी चयनित अभ्यॢथयों ने अपनी पुरानी नौकरियां भी छोड़ दी थीं। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने उन्हें ज्वाइङ्क्षनग नहीं दी तो सभी उच्च न्यायालय में सरकार के खिलाफ  जाएंगे। अपनी मांगों को लेकर सभी अभ्यर्थी आमरण अनशन पर भी बैठेंगे।

अभ्यर्थियों का यह भी एक तर्क

अभ्यर्थियों ने कहा कि महिला अभ्यर्थियों ने केवल सुंदरनगर की भर्ती पर सवाल उठाए थे तो सरकार को अगर भर्ती में कोई त्रुटि मिली थी तो आई.टी.आई. सुंदरनगर में जो भी भर्ती हुई थी उसको रद्द करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले के.सी.सी. बैंक फि र जूनियर ऑफिस असिस्टैंट और अब आई.टी.आई. इंस्ट्रक्टर की भर्ती रद्द कर प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य से खेल रही है।

 

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