इन्वैस्टर मीट में देवरा सीमैंट प्लांट को मिल सकती है हरी झंडी

Edited By Ekta, Updated: 03 Nov, 2019 12:27 PM

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धर्मशाला में हो रही ग्लोबल इन्वैस्टर मीट में अर्की के देवरा में लगने वाले सीमैंट प्लांट को हरी झंडी मिल सकती है। इस प्लांट को अभी तक वन विभाग की क्लीयरैंस मिल चुकी है लेकिन निजी भूमि के रेट को लेकर अभी विवाद चला हुआ है। इन्वैस्टर मीट में सरकार जिला...

सोलन (पाल): धर्मशाला में हो रही ग्लोबल इन्वैस्टर मीट में अर्की के देवरा में लगने वाले सीमैंट प्लांट को हरी झंडी मिल सकती है। इस प्लांट को अभी तक वन विभाग की क्लीयरैंस मिल चुकी है लेकिन निजी भूमि के रेट को लेकर अभी विवाद चला हुआ है। इन्वैस्टर मीट में सरकार जिला प्रशासन व सम्बन्धित विभाग को इस विवाद को जल्द सुलझाने के निर्देश दे सकती है ताकि उद्योग का मार्ग प्रशस्त हो सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ए.सी.एल. कंपनी द्वारा स्थापित किए जा रहे इस उद्योग के लिए 455 बीघा सरकारी व 840 बीघा निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। सरकारी भूमि के लिए वन विभाग की ओर से क्लीयरैंस आ गई है जबकि निजी भूमि के अधिग्रहण में जमीन के रेट का पेंच फंस गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी सर्कल रेट के अनुसार भूमि का रेट 1.62 लाख रुपए प्रति बीघा है। हालांकि कंपनी इससे कई गुणा अधिक रेट देने को तैयार है लेकिन ग्रामीण 15 से 20 लाख रुपए प्रति बीघा रेट को लेकर अड़े हुए हैं। सूत्रों की मानें तो करीब सीमैंट प्लांट के लिए 52 परिवारों की जमीन का अधिग्रहण होगा। सीमैंट प्लांट की अनुमति मिलने के एक वर्ष के अंदर कंपनी को इन परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी देनी होगी। अम्बुजा व अल्ट्राटैक सीमैंट प्लांट की तुलना में काफी छोटा है। इस सीमैंट उद्योग में करीब 500 ट्रक ही माल ढुलाई करेंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार भी देवरा में हो रहे इस निवेश में काफी दिलचस्पी दिखा रही है क्योंकि इस उद्योग में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा।

धर्मशाला में आयोजित हो रही इन्वैस्टर मीट में इस औद्योगिक निवेश को अंतिम रूप दिया जा सकता है। ए.सी.एल. कंपनी के राजपुरा में दो तथा नालागढ़ में एक प्लांट है। यदि देवरा में यह प्लांट स्थापित हो जाता है तो यह इस कंपनी का चौथा प्लांट है। इस तरह से अर्की तहसील में सीमैंट उद्योगों की संख्या तीन हो जाएगी। इससे पहले अर्की में अंम्बुजा व अल्ट्राटैक सीमैंट उद्योग स्थापित हैं। अब तीसरा सीमैंट उद्योग स्थापित होते ही पर्यावरण को खतरा भी बढ़ सकता है। इनके अलावा एन.एम.डी.सी. का भी वहां पर कारखाना स्थापित होना है। इस परियोजना पर पिछले करीब 20 वर्षों से काम चला हुआ है लेकिन अभी तक सिरे नहीं चढ़ा है।

 

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