मंत्रिमंडल तय करेगा MIS के तहत सेब खरीद के दाम

Edited By Ekta, Updated: 08 Jul, 2019 10:41 AM

cabinet will decide on price of apple purchase under mis

सेब सीजन शुरु हो गया है, लेकिन अभी मंडी मध्यस्त्ता योजना (एम.आई.एस.) के तहत खरीदे जाने वाले सेब के दाम तय नहीं हो पाए है। बागवानी विभाग ने एम.आई.एस. के तहत सेब की खरीद को दाम तय करने की फाइल वित्त विभाग को भेज दी है। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद...

शिमला (देवेंद्र): सेब सीजन शुरु हो गया है, लेकिन अभी मंडी मध्यस्त्ता योजना (एम.आई.एस.) के तहत खरीदे जाने वाले सेब के दाम तय नहीं हो पाए है। बागवानी विभाग ने एम.आई.एस. के तहत सेब की खरीद को दाम तय करने की फाइल वित्त विभाग को भेज दी है। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद इन्हें मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा। सूत्र बताते है कि सेब उत्पादन पर आने वाली अधिक लागत को देखते हुए बागवानी महकमा एम.आई.एस. के तहत खरीदे जाने वाले सेब के दाम को बढ़ाना चाहता है, लेकिन वित्त विभाग की आपत्ति के डर से मौजूदा सीजन के लिए भी पिछले साल के दाम (7.50 रुपए प्रति किलो) ही तय करने का आग्रह किया है। उद्यान विभाग को उम्मीद है कि मंत्रिमंडल की बैठक में दाम में बढ़ोत्तरी संभव है। 

ज्ञात रहे कि राज्य सरकार हर साल अपने उपक्रम एच.पी.एम.सी. और हिमफैड के माध्यम से सस्ते दाम पर ओलावृष्टि केकारण दागी या निम्र क्वालिटी का सेब खरीदती है। इसे जूस, जैम, स्क्वैश जैसे उत्पादन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हिमाचल में सेब की पैदावार पर 25 रुपए प्रति किलो तक लागत आती है। इसे देखते हुए एम.आई.एस. के दामों के कारण बागवान ठगा सा महसूस करते रहे हैं। सेब की तर्ज पर अन्य फलों की भी राज्य सरकार एम.आई.एस. के तहत खरीद करती है। इसके दाम भी सरकार द्वारा तय किए जाते है, लेकिन सभी फलों को उत्पादन लागत के हिसाब से अच्छे दाम नहीं मिल पाते है। इनकी खरीद के लिए प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में केंद्र खोले जाते है। 

कम से कम 20 रुपए प्रति किलो हो खरीद मूल्य: चौहान

हिमाचल किसान सभा के वित्त सचिव एवं बागवान संजय चौहान ने बताया कि बीते डेढ़ दशक के दौरान राज्य सरकार ने एम.आई.एस. के तहत सेब का खरीद मूल्य में मात्र अढ़ाई रुपए की बढ़ोत्तरी की है, जबकि इस अवधि में सेब को तैयार करने पर आने वाली लागत में 100 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने राज्य सरकार से उत्पादन लागत को देखते हुए एम.आई.एस. के तहत खरीद मूल्य कम से कम 20 रुपए करने तथा एम.आई.एस. का पैसा नगद दिए जाने की मांग की है। वर्तमान में सरकार एम.आई.एस. का पैसा कई बार साल-साल बाद भी नहीं लौटाती और कई बार बागवानों को नकद पैसा देने के बजाय गैर-जरूरी कृषि औजार दे दिए जाते है।

बागवानी मंत्री से उठाई दाम बढ़ाने की मांग: हरीश

फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि उन्होंने बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से एम.आई.एस. के दाम में बढ़ौतरी का मुद्दा उठाया है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार एम.आई.एस. के तहत अच्छे दाम तय करके बागवानों को राहत प्रदान करेगी।

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