हिमाचल में ट्राऊट मछली देगी टूरिज्म को नए आयाम : वीरेंद्र कंवर

Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2019 10:23 PM

cabinet minister virendra kanwar in bilaspur

प्रदेश का सौभाग्य है कि जहां प्रकृति ने भरपूर सौंदर्य दिया है वहीं प्रदेश को विभिन्न जल स्रोतों के भंडारों से भी नवाजा है। यह बात ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मत्स्य पालन में नवीनतम उन्नति, प्रौद्योगिकी...

बिलासपुर (ब्यूरो): प्रदेश का सौभाग्य है कि जहां प्रकृति ने भरपूर सौंदर्य दिया है वहीं प्रदेश को विभिन्न जल स्रोतों के भंडारों से भी नवाजा है। यह बात ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मत्स्य पालन में नवीनतम उन्नति, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित मत्स्य किसानों को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश एक्वाकल्चर, फि शिंग एंड मार्कीटिंग सोसायटी की सीएमएस में तैयार की गई वैबसाइट का भी लोकार्पण किया।

उन्होंने कहा कि 2 दिवसीय कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से आए वैज्ञानिकों द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक पर मंथन व चिंतन किया जाएगा और कार्यशाला में जो भी सुझाव व शोध निकलकर सामने आएंगे विभाग उन पर कार्य करेगा ताकि प्रदेश के लगभग 17 हजार परिवार जोकि मत्स्य पालन से जुड़े हैं उन्हें चुनौतियों का सामना न करना पड़े और भविष्य में उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग पानी में तापमान के अनुसार ऊपरी क्षेत्रों में ट्राऊट मछली उत्पादन करता है जबकि निचले क्षेत्रों में प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की भांति कार्प मछली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ट्राऊट मछली टूरिज्म को नए आयाम देगी। विभाग प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए भी तत्पर है, जिसमें निचले क्षेत्र में महाशीर तथा ऊपरी क्षेत्रों में ट्राऊट मछली आखेट से प्रदेश में देश एवं विदेशों से हजारों की संख्या में मत्स्य आखेट, मत्स्य खेल खेलने के लिए आ रहे हैंजोकि पर्यावरण के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश में एंगलिंग प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी।

उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले एंगलरों के लिए एंगलर हट भी बनाए जाएंगे ताकि उनके रहने की उचित व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मत्स्य को टूरिज्म से जोड़ा जा रहा है ताकि विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रदेश का नाम अंकित किया जा सके। इस अवसर पर विधायक सदर सुभाष ठाकुर ने कहा कि जिला में मत्स्य पालन की आपार संभावनाएं हैं। निदेशक एवं प्रारक्षी, मत्स्य हिमाचल प्रदेश सतपाल मेहता ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए 2 दिवसीय कार्यशाला की जानकारी दी।

इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा मत्स्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले डॉ. कर्ण जोशी को बैस्ट हैचरी, रामेश्वर दत्त को बैस्ट प्रति हैक्टेयर उत्पादन तथा गोपाल शर्मा को सर्वोत्तम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर एडीएम विनय धीमान, एक्सीक्यूटिव डायरैक्टर एनएफडीबी रथनीराज, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के डीन डॉ. मनदीप शर्मा के अतिरिक्त अन्य राज्यों से आए हुए मत्स्य निदेशक उपस्थित रहे।

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