Edited By Ekta, Updated: 12 Jul, 2018 12:09 PM
सरकार व शिक्षा विभाग की अनदेखी से आज प्रदेशभर के सैंकड़ों स्कूल बंद हो रहे हैं। स्कूलों में शिक्षक न होने से अभिभावक तमाम मिलने वाली सुविधा को छोड़कर अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करवा रहे हैं। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों से लेकर उच्च व...
मंडी (सकलानी): सरकार व शिक्षा विभाग की अनदेखी से आज प्रदेशभर के सैंकड़ों स्कूल बंद हो रहे हैं। स्कूलों में शिक्षक न होने से अभिभावक तमाम मिलने वाली सुविधा को छोड़कर अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करवा रहे हैं। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों से लेकर उच्च व वरिष्ठ स्कूलों तक शिक्षकों के हजारों पद रिक्त चल रहे हैं लेकिन मात्र सी. एंड वी. शिक्षकों के ही प्रदेशभर में सृजित पदों में से 5531 पद रिक्त चल रहे हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा को लेकर कितनी सजग है। हाल ही में प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय की फटकार के बाद शिक्षकों की भर्ती तो करवाई जा रही है लेकिन सरकार बैच के कमीशन के अलावा एस.एम.सी. के तहत शिक्षक भर्ती की योजना बनाने में जुटी है, जिसका बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षक सहित शिक्षक संघ विरोध कर रहे हैं।
जिलावार सी. एंड वी. के रिक्त पदों का ब्यौरा
प्रदेशभर में रिक्त चल रहे सी. एंड वी. शिक्षकों के पदों में से बिलासपुर में 424, चम्बा में 475, हमीरपुर में 437, कांगड़ा में 869, किन्नौर में 67, कुल्लू में 267, लाहौल-स्पीति में 13, किन्नौर में 35, मंडी में 825, शिमला में 789, सिरमौर में 512, सोलन में 409 व ऊना में 409 पद रिक्त चल रहे हैं।
पी.ई.टी. व डी.एम. के 3348 पद रिक्त
प्रदेशभर के सैंकड़ों स्कूलों के नौनिहाल प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते शारीरिक शिक्षा वि ड्राइंग विषय की पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। प्रदेशभर में पी.ई.टी. व डी.एम. के करीब 3348 पद रिक्त चल रहे हैं, जिसमें 1861 पी.ई.टी. जबकि 1467 पद डी.एम. के शामिल हैं। इसके अलावा शास्त्री के 1181 व भाषा अध्यापकों के 768 पद रिक्त होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।