Edited By kirti, Updated: 16 Nov, 2019 12:23 PM
जिला कांगडा की तहसील नूरपूर के विकास खण्ड नूरपुर की पंचायत छतरोली में हो रहे उपचुनाव की प्रक्रिया पर बवाल खड़ा हो गया है। आलम यह है कि 17 नवम्बर को मतदान होना है और 15 नवम्बर को चुनाव अधिकारियों द्वारा दोपहर 2 बजे के करीब चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को...
नूरपुर( संजीव महाजन) : जिला कांगडा की तहसील नूरपूर के विकास खण्ड नूरपुर की पंचायत छतरोली में हो रहे उपचुनाव की प्रक्रिया पर बवाल खड़ा हो गया है। आलम यह है कि 17 नवम्बर को मतदान होना है और 15 नवम्बर को चुनाव अधिकारियों द्वारा दोपहर 2 बजे के करीब चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को सूचना दी गई कि उनके चुनाव चिन्ह अब बदल दिए गए हैं। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने चुनावी प्रक्रिया पर हैरानी जताते हुए चुनाव आयोग से जानना चाहा कि बदले परिवेश में वे अपना प्रचार अब पुनः कैसे पूरा कर पाएंगे जबकि चुनाव को मात्र एक दिन शेष बचा है। उपचुनाव में चार प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें तीन के चुनाव चिन्ह बदले गए हैं जबकि एक प्रत्याशी का चिन्ह पहले वाला ही रहा है। चुनाव लड़ रहे तीनों प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग व प्रशासन से मांग की है कि उनके चुनाव चिन्ह न बदले जाएं। यदि किसी कारणवश चिन्ह नहीं बदलते तो फिर एक सप्ताह का समय दिया जाए। ताकि वह अपने नए चिन्ह के बारे मतदाताओं को अवगत करवा सकें।
यहां वर्णनीय 2014 में प्रधान पद अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित था और सम्बन्धित वर्ग से व्यक्ति प्रधान चुना गया था। चयनित प्रधान की अप्रैल माह में मृत्यु हो गई थी इस कारण उपचुनाव की नोबत आई थी। जिसमें 1 नवम्बर से चार नवंबर तक नामंकन प्रक्रिया हुई। जिसमें 6 लोगों ने नामंकन दाखिल किया था। जिसमें दो लोगों ने नाम वापिस ले लिया। 7 नवम्बर को कुल चार प्रत्याशी रहे थे जिन्हें कर्मशा कप प्लेट, अंगूठी, कैंची और ताला चाबी चुनाव चिन्ह आवण्टित किए गए थे। चारों प्रत्याशी अपने अपने हक में लोगों को वोट देने का अभियान बामुश्किल पूरा किया था लेकिन 15 नवंबर को मिले इस नए फरमान पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी ने गहरा रोष जताते हुए कहा है कि यह चुनाव प्रक्रिया में लिप्त अधिकारियों की सरासर गलती है जिसकी सजा उन्हें दी जा रही है। प्रत्याशियों ने मांग की है कि या तो चुनाव चिन्ह पहले वाले रहने दिए जाएं या फिर मतदान की तिथि एक सप्ताह तक बढ़ाई जाए। विकास खण्ड नूरपुर के पंचायत इंस्पेक्टर ने कहा कि जो चूक हुई है समय रहते गलती को सुधारा गया है। जिसकी जानकारी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को देते हए उन्हें नए चिन्ह दे दिए गए हैं। इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया गया है।