Edited By Ekta, Updated: 06 Dec, 2018 04:51 PM
दी बिलासपुर ऑटो रिक्शा आप्रेटर यूनियन ने सी.पी.आई. के प्रदेश सचिव अधिवक्ता प्रवेश चंदेल की अगुवाई में डी.सी. बिलासपुर को अपनी मांगों का मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में कहा गया है कि गत 28 नवम्बर को भी यूनियन ने अपनी समस्याओं बारे जिला प्रशासन को...
बिलासपुर (ब्यूरो): दी बिलासपुर ऑटो रिक्शा आप्रेटर यूनियन ने सी.पी.आई. के प्रदेश सचिव अधिवक्ता प्रवेश चंदेल की अगुवाई में डी.सी. बिलासपुर को अपनी मांगों का मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में कहा गया है कि गत 28 नवम्बर को भी यूनियन ने अपनी समस्याओं बारे जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया था। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। यूनियन ने कहा है कि बिलासपुर शहर में हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा बिना परमिट के क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर व दूसरी जगहों को बसें तथा ई-टैक्सी चलाई गई हैं, जिससे बिलासपुर में कार्यरत करीब 200 ऑटो रिक्शा आप्रेटर भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि 200 आप्रेटर ऑटो रिक्शा के माध्यम से अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे तथा इसके लिए प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार योजना के तहत ऑटो रिक्शा खरीदने के लिए लोन भी मुहैया करवाया था। ज्ञापन में कहा गया है कि जब से बिलासपुर शहर में नियमों को ताक पर रखकर एच.आर.टी.सी. द्वारा बिना परमिट के कुछ स्थानों पर बसें चलाई गई हैं, तब से ऑटो रिक्शा आप्रेटरों का कारोबार लगभग ठप्प हो चुका है, जिस कारण ऑटो रिक्शा आप्रेटरों को लोन की किस्तें व इंश्योरैंस करवाने के लिए पैसे का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है।
चाबियां प्रशासन को सौंपने की दी चेतावनी
यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर बिना परमिट के चल रही इन बसों को बंद नहीं किया गया तो यूनियन के सभी सदस्य अपने-अपने ऑटो रिक्शा की चाबियां जिला प्रशासन को सौंप देंगे तथा स्वयं संघर्ष करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।