Edited By Vijay, Updated: 11 Jan, 2019 05:02 PM
मंडी जिला प्रशासन ने शहर के साथ लगते पुलघराट में शुक्रवार को भू-स्खलन पर आधारित मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसमें एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., पुलिस, होमगार्ड, रैडक्रॉस सोसायटी के सर्व वॉलंटियर, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग और...
मंडी (नीरज): मंडी जिला प्रशासन ने शहर के साथ लगते पुलघराट में शुक्रवार को भू-स्खलन पर आधारित मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इसमें एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., पुलिस, होमगार्ड, रैडक्रॉस सोसायटी के सर्व वॉलंटियर, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग और दूरसंचार सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। मॉक ड्रिल में कोटरोपी हादसे जैसा दृश्य तैयार किया गया। प्रशासन के पास स्थानीय लोगों से सूचना पहुंची कि पर्यटकों से भरी एक बस भू-स्खलन की चपेट में आ गई है और मलबे में दब गई है।
स्थानीय लोगों ने शुरू किया राहत एवं बचाव कार्य
सबसे पहले स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची। उसके कुछ देर बार होमगार्ड की क्यू.आर.टी. और एस.डी.आर.एफ. की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य सूचित किया। वहीं हादसे की भयावह स्थिति को देखते हुए एन.डी.आर.एफ. की मदद भी ली गई। सभी ने मॉक ड्रिल के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया आपदा से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
मॉक ड्रिल आपदा की तैयारियों को जांचने का सबसे बेहतरीन तरीका
डी.सी. मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि मॉक ड्रिल आपदा की तैयारियों को जांचने का सबसे बेहतरीन तरीका है और इससे ही हमें कमियों का पता भी चलता है। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे से मॉक ड्रिल शुरू की गई थी जो दोपहर 2 बजे तक जारी रही। उन्होंने इसमें भाग लेने वाले सभी विभागों का आभार जताया और सभी से आपदा के समय भी इसी तत्परता से कार्य करने का आह्वान किया।
कोटरोपी में हुआ था प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भू-स्खलन
बता दें कि वर्ष 2017 में मंडी जिला के कोटरोपी में प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भू-स्खलन हुआ था और इसकी चपेट में एच.आर.टी.सी. की दो बसें आ गई थीं। इस हादसे में 47 लोगों की मौत हुई थी। इसी प्रकार का दृश्य बनाकर शुक्रवार को मॉक ड्रिल का आयोजन करके अभ्यास किया गया।