Edited By Vijay, Updated: 26 Nov, 2019 07:23 PM
हिमाचल प्रदेश की शिवभूमि करसोग में सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए विश्वविख्यात बूढ़ी दियाली उत्सव संपन्न हुआ। छोटी काशी के नाम से मशहूर जिला मंडी के उपमंडल करसोग के ममेल नामक स्थान पर अति प्राचीन ममलेश्वर महादेव मंदिर में बूढ़ी दियाली का...
करसोग/सुंदरनगर (नितेश सैनी): हिमाचल प्रदेश की शिवभूमि करसोग में सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए विश्वविख्यात बूढ़ी दियाली उत्सव संपन्न हुआ। छोटी काशी के नाम से मशहूर जिला मंडी के उपमंडल करसोग के ममेल नामक स्थान पर अति प्राचीन ममलेश्वर महादेव मंदिर में बूढ़ी दियाली का आयोजन किया गया। बता दें कि हर वर्ष यहां दिवाली के 1 महीने बाद अमावस्य की रात बढ़ी दिवाली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व देेेव दवाली जिनकी कोठी ममलेश्वर महादेव के मंदिर के पीछे स्थित है, उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
इस पावन मौके पर मंदिर के मुख्य द्वार के पास देव दवाली द्वारा अपने मंत्रियों के साथ देव परंपरा अनुसार विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए लोगों का स्वागत किया गया। बूढ़ी दियाली पर ममलेश्वर महादेव मंदिर में ममलेश्वर महादेव, देव दवाली और नाग कजौणी भी अपने देेव रथ पर विराजमान रहे। शाम के समय भव्य आरती के आयोजन उपरांत रात्रि 12 बजे के करीब नाग कजौणी का रथ मंदिर से (1 वर्ष में एक बार रात को) बाहर निकाल मंदिर की परिक्रमा की गई।