Edited By Ekta, Updated: 13 Feb, 2019 12:43 PM
विधानसभा बजट सत्र के 9वें दिन प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री आवास योजना का मामला गूंजा। ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने ग्रामीण विकास एवम पंचायती राज मंत्री से पूछा कि पिछली 15 जनवरी तक मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितनी धनराशि का प्रावधान किया...
शिमला (योगराज): विधानसभा बजट सत्र के 9वें दिन प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री आवास योजना का मामला गूंजा। ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने ग्रामीण विकास एवम पंचायती राज मंत्री से पूछा कि पिछली 15 जनवरी तक मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कितनी धनराशि का प्रावधान किया गया। इसमें कितने आवेदन आए और कितने स्वीकृत हुए व कितने लंबित पड़े हैं।जवाब में वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि 15 जनवरी तक मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 42.19 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। जिनमें 2829 आवास स्वीकृत किए गए जबकि 254 मामले लंबित पड़े हैं।
दरंग के विधायक ने वन मंत्री से पूछा कि प्रदेश सरकार ने किन-किन जंगलों में वृक्षों को चिह्नित किया गया है। जो सूखने के कगार पर है या गिर गए हैं। सरकार इसके लिए क्या किया जा रहा है। जवाब में वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने बताया कि चम्बा वन मंडल के 6 लौट, शिमला वन मंडल का 1 लौट व कोटगढ़ वन मंडल 1 लौट कुल 8 लौट जिनमे 4773 पेड़ समतुल्य 15350.993 घनमीटर सम्मलित है। घने जंगलों में ये कर पाना सम्भव नहीं लेकिन कुछ जंगलों में सूखे पेड़ों को काटकर उसकी लकड़ी को उपयोग में लाया जाता है।
हिमाचल प्रदेश बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान नालागढ़ के विधायक लखविंदर सिंह राणा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उद्योगों द्वारा नालागढ़ के नदी-नालों में जो प्रदूषण फैलाया जा रहा उसको रोकने को लेकर सरकार क्या कर रही है। तब जयराम ने कहा कि तहसील बद्दी में 25 मिलियन लीटर प्रतिदिन जल शोधन क्षमता का एक सामान्य प्रवाह उपचार सयंत्र स्थापित किया है। 12 उद्योगों के ख़िलाफ़ नियमों की अवहेलना करने पर कार्यवाही की गई है। 15 उद्योगों को सयंत्र स्थापित करने को कहा गया है। बावजूद इसके यदि कोई नियमों की अवहेलना करता पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।