Edited By Vijay, Updated: 19 May, 2019 04:10 PM
सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) ने मतदान वाले दिन सुबह 4 बजे जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति का द्वार रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल कर दिया। रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही लाहौल-स्पीति व चम्बा जिला का पांगी क्षेत्र शेष विश्व से जुड़ गया है। बता दें कि...
कुल्लू: सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) ने मतदान वाले दिन सुबह 4 बजे जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति का द्वार रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल कर दिया। रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही लाहौल-स्पीति व चम्बा जिला का पांगी क्षेत्र शेष विश्व से जुड़ गया है। बता दें कि रोहतांग दर्रा भारी बर्फबारी के कारण दिसम्बर, 2018 में यातायात के लिए बंद हो गया था, जिससे जनजातीय जिलों का शेष विश्व से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया था। डी.सी. यूनुस ने बताया कि बहरहाल अभी रोहतांग दर्रे से जनजातीय जिलों को जाने वाले छोटे वाहनों को ही अनुमति प्रदान की गई है। इससे लाहौल-स्पीति तथा पांगी की ओर जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। लोगों का लंबे समय से रुका आवागमन बहाल होने से निश्चिततौर पर उनमें खुशी और एक नई ऊर्जा उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं जुटाने तक पर्यटकों को अभी कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा।
डी.सी. ने की बी.आर.ओ. की सराहना
डी.सी. ने कहा कि बी.आर.ओ. ने मनाली-रोहतांग-केलंग-जिंगजिंगबार सड़क को खोलने में दिन-रात कड़ी मशक्कत की है, इसके लिए वह बधाई और प्रशंसा के पात्र हैं। माइनस 30 डिग्री तक के तापमान में समुद्र तल से 3500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर सड़क खोलने का कार्य करना निश्चिततौर पर चुनौतिपूर्ण है। यह चुनौती और भी मुश्किल हो जाती है जब मौसम अनुकूल न हो। इस बार अभी तक रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी हो रही है। राहनी नाला तथा रोहतांग पर 10 से 30 फुट तक बर्फ की परत के बीच से सड़क को बहाल किया गया है, यह सचमुच साहसिक एवं अद्वितीय प्रयास है।
वाहनों को जल्द मिलेगी रोहतांग जाने की अनुमति
डी.सी. ने कहा कि रोहतांग सैलानियों के लिए पसंदीदा गंतव्य है। जिला में आने वाले लाखों सैलानी रोहतांग दर्रे के दीदार के बिना अपनी यात्रा को अधूरा समझते हैं। रोहतांग खुलते ही यहां सैलानियों का तांता लग जाता है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था तथा सड़क किनारे भी पार्किंग की व्यवस्था के तुरंत बाद पर्यटक वाहनों को अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गत 5 मई को सैलानियों के लिए मढ़ी तक अनुमति प्रदान की गई थी। इससे पूर्व गुलाबा तक ही पर्यटक जा सकते थे। इन स्थलों की ओर प्रतिदिन 1300 वाहनों को जाने की अनुमति है।
पर्यटन स्थलों पर कूड़ा-कचरा नहीं होगा बर्दाश्त
डी.सी. ने एक बार फिर से सभी होटलियरों, टैक्सी चालकों, स्थानीय लोगों व सैलानियों से अपील की है कि मढ़ी, रोहतांग तथा अन्य पर्यटन स्थलों पर किसी प्रकार का कूड़ा-कचरा न फैलाएं। गंदगी फैलाने वालों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा। इसके लिए एस.डी.एम. मनाली अश्वनी कुमार को पहले ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और वह लगातार ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों को नि:शुल्क बैग उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और उन्हें हिदायतें दी गई हैं कि वे सैलानियों से प्लास्टिक अथवा अन्य कचरा इनमें डलवाएं और वाहन में रखें और बाद में मनाली में इसका अन्य कूड़े की भांति निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि रोहतांग पर कचरे को लेकर एन.जी.टी. भी काफी सख्त है और सभी लोग एन.जी.टी. के नियमों की पालना करने में सहयोग करें।