Edited By Vijay, Updated: 21 Jul, 2019 11:20 PM
कई दशकों से सरकार के आश्वासनों के सहारे जिंदगी की डोर को आगे खींच रहे बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के जमरेला गांव के लोगों ने सरकार के वायदों से परे हटते हुए खुद ही गांव के लिए पैदल पुल का निर्माण कर डाला है।
बैजनाथ (सुधीर): कई दशकों से सरकार के आश्वासनों के सहारे जिंदगी की डोर को आगे खींच रहे बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के जमरेला गांव के लोगों ने सरकार के वायदों से परे हटते हुए खुद ही गांव के लिए पैदल पुल का निर्माण कर डाला है। बिनवा खड्ड के दूसरी तरफ पहाड़ी में बसे इस गांव के लोग कई वर्षों से बिनवा के ऊपर लकड़ी की एक छोटी पुली बनाकर आवाजाही करते हैं लेकिन हर बरसात में यह पुली बह जाती थी। कई बार सरकार व प्रशासन को भी अवगत करवाया मगर कुछ नहीं हुआ, ऐसे में इस वर्ष लोगों ने अपने ही पैसे इकट्ठे कर लोहे के गाडर डालकर 7 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद एक पुल का निर्माण कर डाला।
2,50,000 रुपए की लागत से बनाया पुल
वर्तमान में गांव को जाने वाले लोगों को बेहद खौफनाक सफर तय करना पड़ता था। गांव के निवासी अनूप कुमार, पूर्व उपप्रधान तुलसी राम, मान सिंह, रणजीत, श्याम, रामकृष्ण, विपन, किशोरी लाल व सुभाष ने बताया कि करीब 2,50,000 रुपए की लागत से पुल बनाया गई है। जमरेला गांव के लोगों ने अपने तथा कुछ रिश्तेदारों के सहयोग से यह धन एकत्रित किया। गांव के अधिकतर लोग मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
पालकी में डालकर अस्पताल ले जाना पड़ता है मरीज
गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या स्कूल के बच्चों और बुजुर्गों के आने-जाने की है। अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसे आज भी पालकी में डालकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। कई बार बीमार रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। गांव का राशन डिपो, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल व पशु औषधालय सभी बाबा काठक में हैं। जब गांव वाले विभाग और सरकार के चक्कर लगाकर थक गए तो उन्होंने खुद अपने दम पर यह पुल बनाने का काम शुरू किया। गांव के लोगों ने बताया कि पुल का काम देर शाम तक लगभग पूरा कर लिया है। थोड़ा सा काम बचता है उसे कल तक पूरा कर लिया जाएगा।