Edited By Ekta, Updated: 29 Jun, 2018 03:43 PM
हिमाचल में बीपीएल परिवारों के फर्जीवाड़े की खबरें आती रहती हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें गरीब व जरूरतमंदों के हक को छीन कर ऊंची पहुंच वाले लोग बीपीएल श्रेणी में शामिल हो गए हैं। यहां तक की कुछ मामलों में तो फर्जीवाड़े से बीपीएल में शामिल होकर सरकारी...
शिमला (विकास): हिमाचल में बीपीएल परिवारों के फर्जीवाड़े की खबरें आती रहती हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें गरीब व जरूरतमंदों के हक को छीन कर ऊंची पहुंच वाले लोग बीपीएल श्रेणी में शामिल हो गए हैं। यहां तक की कुछ मामलों में तो फर्जीवाड़े से बीपीएल में शामिल होकर सरकारी नौकरी भी हासिल कर चुके हैं। ताजा मामले का खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट केदार सिंह जिंदाल ने किया है।
जिंदाल के मुताबिक गिरिपार सिरमौर के गांव बकरास के राजीव चौहान जोकि साधन सम्पन परिवार से ताल्लुक रखता है। उसने अपने परिवार के सदस्य जोकि गांव उप प्रधान है की मिली भगत से पहले बीपीएल कार्ड बनवाया और उसके दम पर जेई की नौकरी भी हासिल कर ली। जबकि इसके परिवार में 6 लोग सरकारी जॉब में हैं। लेकिन राजीव चौहान ने अपने भाई पंचायत उप प्रधान की मदद से अन्य पंचायत सदस्यों की मिलीभगत से फर्जी बीपीएल कार्ड बना लिया।
जिंदाल का कहना है कि आरटीआई से उन्होंने जानकारी ली उसमें पता चला है कि इनकी संपत्ति करोड़ों में है। जिसकी शिकायत जिंदाल ने राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी की है और मामले की जांच की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा भी है। इससे पहले भी वह इस तरह के मामले उठाते रहे है जिसके कारण उनके ऊपर हमले हो चुके हैं।