160 किलोमीटर दौड़ी HRTC की बस, Income देख उड़ जाएंगे होश

Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2020 04:37 PM

blown senses to see the income of hrtc

ऊना और हमीरपुर के बीच सड़क दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। करीब 240 किलोमीटर लम्बी दूरी पर 3 चक्कर लगाने में एचआरटीसी की बस का 159 लीटर तेल खर्च हुआ तो आमदनी केवल 4,800 रुपए हुई। लगभग 10,000 रुपए से अधिक की लागत का डीजल खर्च हो चुका है।

ऊना (सुरेन्द्र शर्मा): ऊना और हमीरपुर के बीच सड़क दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। करीब 240 किलोमीटर लम्बी दूरी पर 3 चक्कर लगाने में एचआरटीसी की बस का 159 लीटर तेल खर्च हुआ तो आमदनी केवल 4,800 रुपए हुई। लगभग 10,000 रुपए से अधिक की लागत का डीजल खर्च हो चुका है। यानी एचआरटीसी को ऊना-हमीरपुर के बीच चक्कर लगाने में ही 5,200 रुपए अपनी जेब से डालने पड़े हैं। आमदनी तो क्या, यहां बराबर का सौदा भी नहीं है। लगातार घाटे में चल रही एचआरटीसी इसी तरीके से सड़कों पर दौड़ती रही तो हालात काफी बदतर हो जाएंगे। 

अब 25 रूटों पर चल रहीं बसें

जिला ऊना की बात करें तो यहां 41 रूटों पर बसें एचआरटीसी ने चलाने का फैसला लिया था। 1 जून को चली बसों को कोई रिस्पांस न मिलने की वजह से 16 रूट रद्द करने पड़े हैं। अब 25 रूटों पर ही बसें चल रही हैं लेकिन किसी में 5 तो किसी में 6 सवारियां ही सफर कर रही हैं। एचआरटीसी के ड्राइवर और कंडक्टर मान रहे हैं कि लोगों में भय है और वे बसें नहीं चला पा रहे हैं।

26 किलोमीटर दूरी तय कर कमाए 78 रुपए

ऊना और हरोली क्षेत्र के गौंदपुर के बीच दोनों तरफ की दूरी करीब 80 किलोमीटर है। एचआरटीसी की बस इस रूट पर दौड़ी तो आय केवल 126 रुपए हुई। इसी प्रकार ऊना और झम्बर के बीच लगातार चक्कर लगा रही एचआरटीसी की बस ने 78 रुपए कमाए, जबकि दूरी 26 किलोमीटर तय की गई। आखिर यह कैसा फैसला है कि जब सवारियां नहीं तो एचआरटीसी क्यों बसों को दौड़ा रहा है और आखिर यह घाटा कौन सहन करेगा।

ऊना-कांगड़ा बस में 15 यात्रियों ने किया सफर

ऊना से कांगड़ा के लिए दौड़ रही बस में केवल 15 सवारियां ही सफर कर पाई हैं। बीच में कई उतर गईं। यानी जितना डीजल खर्च हुआ, उतनी आय भी नहीं हुई। अगर इसी तरह बसें दौड़ती रहीं तो दीवाला निकलने में देर नहीं लगेगी।

डीजल खर्च भी नहीं हो रहा पूरा

ऊना से बद्दी के बीच बस करीब 2 घंटे में पहुंचती थी लेकिन अब हिमाचल से ही बस चलानी पड़ रही है। वाया नयना देवी होकर नालागढ़-बद्दी पहुंचने में 5 घंटे का समय लग रहा है। सवारियां भी 60 फीसदी लेकर जाना है। रिस्पांस शून्य है। सफर करने वाले यात्री भी परेशान हैं। न डीजल खर्च पूरा हो रहा है और न ही टायर और दूसरी मशीनरी का खर्च पूरा हो पा रहा है। इससे तो बेहतर है कि इतने लोगों के लिए सरकार टैक्सी सेवा ही प्रदान कर दे। कम से कम पहले से जिस एचआरटीसी का दीवाला निकला है, वह पूरी तरह से कंगाल होने से तो बचे।

क्या बोले बस अड्डा ऊना के इंचार्ज

बस अड्डा ऊना के इंचार्ज अशोक कुमार एवं अविनाश खुल्लर ने बताया कि शुक्रवार को 25 रूटों पर 4,840 किलोमीटर का सफर एचआरटीसी ऊना ने तय किया तो केवल 83,270 रुपए का कैश ही आय के रूप में प्राप्त हुआ। इससे तो डीजल का खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है।

क्या कहते हैं एचआरटीसी के एमडी

एचआरटीसी के एमडी यूनुस ने कहा किदिक्कतें तो हैं लेकिन लोगों की सुविधा के लिए बसें चलाई गई हैं। जिन रूटों पर सवारियां नहीं हैं, उन रूटों को सीमित कर दिया गया है।

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