राजेंद्र राणा ने ली चुटकी, बोले-मोदी सरकार के राज में स्विस बैंकों में 50 फीसदी बढ़ा काला धन

Edited By Vijay, Updated: 24 Jan, 2020 06:04 PM

black money increased by 50 percent in swiss banks under the modi government

काला धन लाने के वायदे पर जनादेश हासिल करने वाली सरकार काला धन तो नहीं ला सकी लेकिन अपने सत्ताकाल में स्विस बैंकों को खूब मालामाल किया है। आलम यह है कि मोदी राज में भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा काला धन 50 फीसदी तक बढ़ गया है।

हमीरपुर (ब्यूरो): काला धन लाने के वायदे पर जनादेश हासिल करने वाली सरकार काला धन तो नहीं ला सकी लेकिन अपने सत्ताकाल में स्विस बैंकों को खूब मालामाल किया है। आलम यह है कि मोदी राज में भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा काला धन 50 फीसदी तक बढ़ गया है। यह बात कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। उन्होंने कहा कि एसएनवी स्विस नैशनल बैंक की रपट ने काले धन पर अंकुश लगाने के केन्द्र की मोदी सरकार के दावों की हवा सरका दी है। पिछले 4 सालों में पहली बार स्विस बैंक में जमा भारतीयों का धन पिछले 1 साल के भीतर 1 अरब स्विस बैंक के दायरे में जा पहुंचा है। यह आंकड़ा 1 साल पहले की तुलना में 50 फीसदी वृद्धि अधिक है।

देश ने आर्थिक आपातकाल के रूप में झेली नोटबंदी की त्रासदी

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम मोदी सरकार काला धन तो ला नहीं सकी लेकिन देश का धन स्विस बैंकों में पहुंच कर जरूर काला हो गया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा था कि उनके इस फैसले से काला धन खत्म हो जाएगा। नोटबंदी की त्रासदी इस देश ने आर्थिक आपातकाल के रूप में झेली है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ कि काले धन की फूटी कौड़ी भी देश में वापस लाने पर सरकार कामयाब हुई हो।

खराब माली हालत को देखकर अधिकांश देशों ने मोड़ा मुंह

उन्होंने कहा कि काला धन लाने का मोदी का वायदा पूरी तरह हवा-हवाई साबित हुआ है। उलटा लाने की बजाय भारत से काला धन बाहर जाने का आंकड़ा 50 फीसदी बढ़ गया जोकि यह साबित करता है कि सरकार ने जनादेश ठगने के लिए जो वायदे जनता से किए थे, उन वायदों पर सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है। इस तरह से देश की अर्थव्यवस्था पताल की ओर अग्रसर है। अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली मोदी सरकार पूरी तरह दिशाहीन व मौका परस्त साबित हुई है, जिसके साथ अब अधिकांश देश संबंध रखने में दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि भारत की सरकार पूरी तरह गपोड़शंख है।

हर भारतीय पर 25,251 रुपए का कर्ज

नौकरियों का झांसा देकर बेरोजगारों को कागजी चौकीदार बनाने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके राज में सबसे ज्यादा नौकरियां छीनी गई हैं। काला धन लाने के जुमले पर सत्ता हासिल करने वाले मोदी विदेशों से तो काला धन नहीं ला सके। उलटा अपने राज में विश्व बैंक से अब तक का सबसे बड़ा कर्ज लेकर आए हैं और अब आलम यह है कि हर भारतीय नागरिक 25,251 रुपए का कर्जदार हो चुका है। उन्होंने कहा कि कंगाल हो चुके देश में विश्व बैंक की ओर से चौंका देने वाले लाखों मिलियन डॉलर के कर्जे का खुलासा हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो जल्द ही इस देश पर आर्थिक संकट आ सकता है जबकि इस सबसे बेखबर होते हुए प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं व विज्ञापनों पर अरबों रुपए खर्चने में मशगूल हैं।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!