Edited By Jinesh Kumar, Updated: 25 Sep, 2018 02:18 PM
वर्ष 1998 में अपने एकमात्र वोट के दम पर भाजपा की सरकार बनाकर प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद पर विराजमान करने वाले रमेश ध्वाला के साथ हो रही सिलसिलेवार अनदेखी से ज्वालामुखी के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने वाला है। 2 बार...
ज्वालामुखी : वर्ष 1998 में अपने एकमात्र वोट के दम पर भाजपा की सरकार बनाकर प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद पर विराजमान करने वाले रमेश ध्वाला के साथ हो रही सिलसिलेवार अनदेखी से ज्वालामुखी के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने वाला है। 2 बार कैबिनेट मंत्री व 2 बार विधायक बने रमेश ध्वाला को आश्वासनों के बाद भी पहले जयराम सरकार की कैबिनेट लिस्ट से और अब मुख्य सचेतक के पद से अंतिम समय में हटाने पर ज्वालामुखी के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूटने वाला है। अब ज्वालामुखी भाजपा के लोग दीपकमल शिमला मुख्य कार्यालय के बाहर अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठने की रणनीति तैयार करने वाले हैं और शीघ्र ही पार्टी मुख्यालय शिमला के लिए रवाना होने जा रहे हैं।
ज्वालामुखी के शहरी भाजपा अध्यक्ष व अन्यों ने की इस्तीफे की पेशकश
दूसरी ओर ज्वालामुखी के शहरी भाजपा अध्यक्ष मास्टर राम स्वरूप शर्मा व मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सभी 9 गैर सरकारी सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफे देने की पेशकश रमेश ध्वाला से कर दी है। वहीं सह मीडिया प्रभारी ज्वालामुखी दीपक खौला ने भी पद से इस्तीफा ध्वाला को सौंप दिया है। पूर्व शिक्षा समिति सदस्य ज्वालामुखी बाबू राम शर्मा, पूर्व मंदिर न्यास सदस्य भाजपा नेता कमल किशोर शर्मा ने रमेश ध्वाला की अनदेखी पर न्याय की मांग करते हुए क्रमिक अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता है।