कांगड़ा जिला परिषद के उपाध्यक्ष चुनाव में BJP को झटका, कांग्रेस गुट की जीत(Video)

Edited By Ekta, Updated: 18 Sep, 2018 02:05 PM

भाजपा की साख पर बना जिप उपाध्यक्ष की सरदारी दो पूर्व मंत्री जी.एस. बाली व सुधीर की जुगलबंदी और पार्टी की एकता के चलते कांग्रेस ने अपने हाथ कर ली। उपाध्यक्ष की सरदारी के लिए जहां सरकार ने 4 मंत्रियों व भाजपा विधायकों की टीम लगा दी थी लेकिन कांग्रेस...

धर्मशाला (जिनेश): भाजपा की साख पर बना जिप उपाध्यक्ष की सरदारी दो पूर्व मंत्री जी.एस. बाली व सुधीर की जुगलबंदी और पार्टी की एकता के चलते कांग्रेस ने अपने हाथ कर ली। उपाध्यक्ष की सरदारी के लिए जहां सरकार ने 4 मंत्रियों व भाजपा विधायकों की टीम लगा दी थी लेकिन कांग्रेस की बिसात ने बाजी अपने हाथ कर ली लेकिन सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस ने ऐसी बिसात बिछाई की सत्ता से दूर रहने के बावजूद भी कांग्रेस समर्थित वार्ड नंबर 52 बरंडा (नूरपुर) के सदस्य विशाल चंबियाल को उपाध्यक्ष की सरदारी दिला दी। कांग्रेस ने एकजुट होकर भाजपा को एक बड़ा संदेश दिया है। बकौल पूर्व मंत्री जी.एस. बाली जिला परिषद को जो हमारे सदस्य हैं, वह पिछली बार भी इकट्ठे थे और इस बार भी इकट्ठे हैं। यह उनकी अपनी जीत है। उन्होंने कहा कि पिछली बार नेता ज्यादा थे और कार्यकर्ता कम। 

इस बार कार्यकर्ता अधिक और नेता कम। बाली ने कहा कि नेताओं को भी संदेश मिला है कि कम से कम दखलअंदाजी करें। पिछली दफा भी यदि बड़े नेता दखलअंदाजी नहीं करते तो दोनों सीटें हमारी झोली में ही आती। जिला के कांग्रेस के सभी विधायकों ने कहा कि इस चुनाव से साफ पता चल रहा है कि भाजपा के बुरे दिन आ गए हैं। यह टर्निंग प्वाइंट है। सत्ता में काबिज होने के बाद भी भाजपा उपाध्यक्ष के पद को नहीं बचा सकी। इंदौरा को गई सरदारी पर नूरपुर के विधायक अजय महाजन का कहना है कि इस जीत से अब साफ हो चुका है कि अब जनता पूरी तरह बदलाव के मूड में है। जनता केंद्र की भाजपा व प्रदेश की सरकार से दुखी हो गई है। पैट्रोल-डीजल के दाम व महंगाई आदि से जनता बेहाल हो गई है।

अपना ही सिक्का खोटा तो दूसरों को दोष नहीं दे सकते: संजय
उधर संगठनात्मक जिला कांगड़ा के अध्यक्ष और पूर्व विधायक संजय चौधरी ने कहा कि कोशिश तो सभी ने बहुत की थीं। हमारी ओर से कोई कमी नहीं रखी गई थी लेकिन हमारे साथ जो व्यक्ति थे, उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया। उन्होंने कहा कि अपना ही सिक्का खोटा हो तो दूसरों को इसमें दोष नहीं दिया जा सकता।

संसदीय चुनाव से पहले त्रिगर्त भाजपा को झटका
वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही सत्ताधारी भाजपा को सबसे बड़े जिला कांगड़ा में जिला परिषद उपाध्यक्ष के चुनाव में झटका लगा है। 55 सदस्यों वाले इस जिला परिषद में कांग्रेस के हाथ से छीना उपाध्यक्ष का पद फिर से कांग्रेस के खाते में जुड़ गया है हालांकि इस पद को कब्जाने के लिए 4 मंत्रियों से विधायकों ने धर्मशाला में एक सप्ताह से डेरा जमाए बैठे थे और रणनीति भी बनाई लेकिन यह रणनीति भाजपा के किसी काम नहीं आई। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को उम्मीद से ज्यादा मत प्राप्त हुए हैं। 

इस तरह बदला पासा
कांग्रेस की तरफ से टीम की अगुवाई कर रहे बाली खेमे से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अजय वर्मा ने ऐसा चक्रव्यूह रचा। कांग्रेस की तरफ से ऐसी रणनीति बनाई गई, जिसमें शुरूआत में मात्र 27 ही जिप सदस्यों को सामने रखा गया ताकि भाजपा खेमे को गुमराह किया जाए लेकिन पहले से ही रणनीति ऐसी बनाई गई थी कि जैसे ही भाजपा के सदस्य चुनाव के लिए अपने पत्ते खोलेंगे तो कांग्रेस अपने बचे इक्के से रणनीति ही बदल देगी और हुआ भी वैसा ही जैसे कांग्रेस ने रणनीति बनाई थी। बाली और सुधीर के सदस्य ने इस तरह गेम को घुमाया कि कांग्रेस को इसमें जीत प्राप्त हुई। 

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