Edited By Vijay, Updated: 14 Jan, 2019 08:43 PM
राज्य के सहकारी बैंकों की भर्तियों में पारदशिर्ता लाने के मकसद से सरकार ने पूर्व वीरभद्र सरकार के फैसले को पलट दिया है। भाजपा सरकार ने मुंबई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सन सिलैक्शन (आई.बी.पी.एस.) या फिर स्टाफ सिलैक्शन कमीशन हमीरपुर से सभी सहकारी...
शिमला: राज्य के सहकारी बैंकों की भर्तियों में पारदशिर्ता लाने के मकसद से सरकार ने पूर्व वीरभद्र सरकार के फैसले को पलट दिया है। भाजपा सरकार ने मुंबई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सन सिलैक्शन (आई.बी.पी.एस.) या फिर स्टाफ सिलैक्शन कमीशन हमीरपुर से सभी सहकारी बैंकों में अराजपत्रित कर्मचारियों की भर्तियां करने का फैसला लिया है। सरकार ने इसे लेकर सभी सहकारी बैंकों को निर्देश दे दिए हैं। वीरभद्र सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में राज्य सहकारी बैंकों की भर्तियां आई.बी.पी.एस. से न करवाकर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से करवाई थी। चयन प्रक्रिया पूरी होते ही राज्य सहकारी बैंकों की भर्तियों पर विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चार्जशीट में सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए।
अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची विजिलैंस जांच
वीरभद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में 4 बार 280 से ज्यादा पदों के लिए सहकारी बैंकों की परीक्षा ली। सूबे की सत्ता संभालते ही जयराम सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा की गई भर्तियों की जांच विजिलैंस को सौंपी। सूत्रों की मानें तो भर्तियां होने के एक साल बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया। इस वजह से विजिलैंस जांच अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है। भर्तियों में होने वाली इस तरह की धांधलियां रोकने के लिए जयराम सरकार भविष्य में सहकारी बैंकों में होने वाली सभी भर्तियां आई.बी.पी.ए. या सिलैक्शन कमीशन से करवाने के दावे कर रही है।
हिमाचल में 220 से ज्यादा बैंक शाखाएं
हिमाचल में राज्य सहकारी बैंक के अलावा राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, कांगड़ा सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक, जोगेंद्रा सैंट्रल बैंक, बघाट बैंक की 220 से ज्यादा बैंक शाखाएं प्रदेशभर में बताई जा रही हैं। आई.बी.पी.ए. या सिलैक्शन कमीशन से भर्तियों का फैसला प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है।