Edited By prashant sharma, Updated: 22 Dec, 2020 03:21 PM
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में 17 पीएचसी, प्राईमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के निर्णय को जनविरोधी करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है।
शिमला (योगराज) : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में 17 पीएचसी, प्राईमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के निर्णय को जनविरोधी करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस निर्णय से साफ है कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों की विकास विरोधी है और उसे ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिन्ता नही है। उन्होंने आज यहां कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में बगैर किसी भेदभाव के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य केंद्र व स्कूलों को खोला है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार इन्हें बंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है।
सिंह ने कहा की कोविड महामारी के चलते आज जहां ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को ओर सुदृढ़ करने की बहुत ही आवश्यकता है वही प्रदेश सरकार इसे कमजोर करने में जुटी है। उन्होंने सरकार के इस कदम को बहुत ही अफसोस जनक बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को इस निर्णय पर पुनः विचार करते हुए जनहित में इस फैंसले को तुरंत रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं का लोकतंत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। ग्रामीण विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। उन्होंने प्रदेश के लोगों का आह्वान किया है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने गांव व क्षेत्र की प्रगति के लिये वोट करें। यह समय सरकार की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों के खिलाफ एकजुट होने का है। कांग्रेस ने सदैव ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी है, इसलिए अब फिर से उनके पास कांग्रेस को मजबूत करने का एक सुनहरा मौका है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन चुनावों में कांग्रेस विचारधारा को मजबूती मिलेंगी और कांग्रेस से जुड़े लोग जीत कर आगे आएंगे।