Edited By Vijay, Updated: 22 Jul, 2019 10:39 PM
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की बैठक में एक बार फिर से कांगड़ा की गुटबाजी का मुद्दा उभरकर सामने आया है। सत्ता और संगठन के शीर्ष नेताओं की सोमवार सायं होटल पीटरहॉफ में हुई बैठक में राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं विधायक रमेश धवाला ने एक बार फिर अपनी...
शिमला: प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की बैठक में एक बार फिर से कांगड़ा की गुटबाजी का मुद्दा उभरकर सामने आया है। सत्ता और संगठन के शीर्ष नेताओं की सोमवार सायं होटल पीटरहॉफ में हुई बैठक में राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं विधायक रमेश धवाला ने एक बार फिर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार और संगठन से किसी तरह की नाराजगी नहीं है लेकिन विकास कार्य में किसी तरह का व्यवधान नहीं डाला जाना चाहिए। इसके अलावा संगठन में ऐसे लोगों को तरजीह नहीं दी जानी चाहिए जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं।
न्यौता मिलने के बावजूद बैठक में नहीं आईं इंदू गोस्वामी
इसके अलावा बैठक में इंदु गोस्वामी विवाद पर भी चर्चा होने की सूचना है। हालांकि भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाली इंदु गोस्वामी बैठक में भाग लेने का न्यौता मिलने के बावजूद भी बैठक में नहीं पहुंचीं। बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के अलावा मंत्री-विधायक और भाजपा सदस्यता अभियान से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ नेताओं ने सत्ता और संगठन से जुड़े कुछ मामले उठाए हैं।
विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने पर चर्चा
बैठक में धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने संबंधी मामले पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा पार्टी के सदस्यता अभियान को सफल बनाने पर भी इससे जुड़े पदाधिकारियों की राय ली गई। इस दौरान निर्णय लिया कि पार्टी लक्ष्य से कहीं अधिक सदस्यों को बनाएगी और इसके लिए बूथ स्तर से लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।
छुटपुट नाराजगी को मंडल स्तर निपटाएं, बाहर न लाएं : जयराम
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बैठक में सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बनाने के लिए पूरा आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास कार्य में किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि छुटपुट नाराजगी को मंडल स्तर पर निपटा लिया जाना चाहिए और ऐसे विषय बाहर आने की बजाय पार्टी के मंच पर ही उठाए जाने चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने भी नाराजगी को दूर कर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कार्य करने को कहा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।