Edited By Vijay, Updated: 20 Apr, 2019 05:07 PM
नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस के टिकटों का फैसला कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व करता है और पार्टी ने एक बार उन्हें चुनाव लडऩे के लिए नहीं कहा। पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी है जो भाजपा के लोगों को रास नहीं आ...
शिमला (योगराज): नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस के टिकटों का फैसला कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व करता है और पार्टी ने एक बार उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नहीं कहा। पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी है जो भाजपा के लोगों को रास नहीं आ रहा है तभी वह इस तरह की बात कह रहे हैं। कांग्रेस ने चारों सीटो पर मजबूत प्रत्याशी उतारे हैं, जिसे देखकर भाजपा के लोग घबरा गए हैं और इस तरह की अनाप-शनाप बाते कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस प्रदेश की चारों सीटों पर भारी मतों से जीत दर्ज करेगी।
सत्ती चुनाव आयोग को ठहरा रहे गलत
सतपाल सत्ती के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा अमल में लाई गई पर उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि सतपाल सत्ती ने गलत भाषा का इस्तेमाल किया था। अब सतपाल सत्ती कुछ भी कहें उसका कोई औचित्य नहीं है। जहां तक सत्ती का कहना है कि वीडियो कट एंड पेस्ट है तो उनको पता होना चाहिए कि वीडियो चुनाव आयोग ने खुद रिकॉर्ड किया है। सत्ती चुनाव आयोग को ही गलत ठहराना चाह रहे हैं। सतपाल सत्ती हिमाचल प्रदेश के ऐसे पहले नेता हैं जिन पर चुनाव आयोग ने प्रचार करने पर पाबंदी लगाई है। हिमाचल प्रदेश के लोग शालीन हैं और इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना प्रदेश को गरिमा के खिलाफ है।
भाजपा नेता कर रहे महिलाओं का अपमान
नेता विपक्ष ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब सतपाल सत्ती ने इस तरह कि भाषा का इस्तेमाल किया हो। सतपाल सत्ती इस तरह की भाषा का इस्टेमाल करने के आदी हो गए हैं। इससे पहले भी सत्ती राधा स्वामी सत्संग व्यास और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अभद्र टिपण्णी कर चुके हैं। सतपाल सत्ती को अपनी गलती मानकर माफी मांग लेनी चाहिए। ऊना के गगरेट में भी सतपाल सत्ती ने प्रियंका गांधी और महिलाओं के कपड़ों को लेकर अभद्र टिपण्णी की है जोकि किसी को भी अधिकार नहीं है। देश में जहां एक तरफ महिलाओं को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाने की बात हो रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से भी भाषा की मर्यादा को कायम रखने की अपील की है।