‌BJP को 2022 में मिशन रिपीट करना है तो समय रहते धूमल को देनी होगी कमान

Edited By Vijay, Updated: 09 Apr, 2021 08:56 PM

bjp has to repeat the mission in 2022 then dhumal will have to give command

प्रदेश भाजपा सरकार को सवा 3 साल सत्ता में हो गए हैं लेकिन सरकार से जहां भाजपा कार्यकर्ता व नेता अंदरखाते नाखुश हैं वहीं निचले हिमाचल के लोग तो सरकार से बेहद ही नराज हैं, जिसका ट्रेलर नगर निगम के चुनावों में भी भाजपा को दिख गया है। अगर भाजपा की 2022...

हमीरपुर (राजीव): प्रदेश भाजपा सरकार को सवा 3 साल सत्ता में हो गए हैं लेकिन सरकार से जहां भाजपा कार्यकर्ता व नेता अंदरखाते नाखुश हैं वहीं निचले हिमाचल के लोग तो सरकार से बेहद ही नराज हैं, जिसका ट्रेलर नगर निगम के चुनावों में भी भाजपा को दिख गया है। अगर भाजपा की 2022 में मिशन रिपीट करना है तो समय रहते ही धूमल को कमान देनी होगी क्योंकि प्रदेश की जनता भी यही चाहती है और भाजपा के कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हिमाचल भाजपा के ऐसे पहले करिश्माई और लोकप्रिय नेता हैं जिनकी बदौलत ही आज भाजपा की सरकारें प्रदेश में पूरे 5-5 साल का कार्यकाल पूरा कर पा रही हैं और हिमाचल में भाजपा के संगठन को शहर से लेकर गांव तक मजबूती मिली है। प्रो. धूमल की भाजपा में ऐसी मजबूत पहचान बनी हुई है कि वे प्रदेश के हर नए-पुराने कार्यकर्ता को देखते ही उन्हें नाम से पुकारते हैं। ये तभी संभव है जब कोई किसी से एक परिवार की तरह जुड़ा हुआ हो। धूमल के लिए भाजपा और भाजपा का हर कार्यकर्ता अपने परिवार के सदस्य के बराबर है। यही कारण है कि भले ही वे मुख्यमंत्री नहीं हैं, फिर भी पूरे प्रदेश भर से कार्यकर्ता व नेता उनसे मिलने बारंबार उनके समीरपुर आवास पर हाजिरी लगा रहे हैं।

प्रो. धूमल गत 2017 विस चुनावों में भाजपा की सरकार बनाने में पूरे प्रदेश में भाजपा विधायकों को जिताने में लगे रहे और खुद सुजानपुर से चुनाव हार गए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और वे सक्रिय राजनीति जुड़े हुए हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी धूमल गत सवा 3 सालों संयंम और दृढ़ निश्चय से जनसेवा में लगे हुए हैं। उनकी यही कार्यशैली उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है और प्रदेश के लाखों चाहने वाले उनकी इसी अदा के कायल भी हैं। पिछले सवा 3 सालों से अपने विस क्षेत्र सुजानपुर में ही सक्रिया रहे धूमल की सक्रियता अब फिर से पूरे प्रदेश में बढ़ गई है। उन्होंने कांगड़ा, शिमला, बिलासपुर, ऊना व धर्मपुर सहित प्रदेश के कई जिलों के राजनीतिक व निजी दौरे करके भाजपा कार्यकर्ताओं में जहां जोश भरा है, वहीं प्रदेश भर में जो भाजपा कार्यकर्ता अपनी ही सरकार में खुद को हाशिये पर देख कर निराशा में चले गए थे, अब उन्हें भी धूमल की सक्रियता से संजीवनी मिली है। भले ही प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन निचले हिमाचल के कांगड़ा, चंबा, ऊना, बिलासपुर व हमीरपुर कुछ ऐसे जिले हैं जहां पर लोग अपनी सरकार होने के बावजूद भी खुद को विपक्ष में समझ रहे हैं।

यही कारण है कि भाजपा को निगम चुनावों में हार मिली और पालमपुर में तो भाजपा की बुरी तरह हार हुई। हालांकि धर्मशाला में ऐन मौके पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोर्चा संभालते हुए भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें जरूर दिला दीं लेकिन पूर्ण बहुमत भाजपा को नही मिल सका। वहीं सोलन में भी भाजपा की हार हुई और सिर्फ मंडी में भाजपा को जीत मिली। यानि 2022 विस चुनावों में भाजपा की राह आसान नही लग रही है। अगर 2022 में भाजपा को मिशन रिपीट करना है तो एक बार फिर से प्रेम कुमार धूमल को आगे करना होगा ताकि कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही निचले हिमाचल के जिलों में लोगों को विश्वास दिलाया जा सके कि आपकी सरकार है। यही नही धूमल के आगे आने से ही कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर व चंबा जिला में भाजपा मजबूत हो सकती है। वहीं प्रदेश भर में भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी मालूम हो चुका है कि बिना धूमल 2022 का मिशन रिपीट नहीं हो सकता है, जिसके चलते रामपुर, रोहड़ू, किन्नौर, बिलासपुर व कांगड़ा जिलों के नेता व कार्यकर्ता आए दिन समीरपुर में धूमल आवास की परिक्रमा में जुट गए हैं।

जबसे धूमल ने 2022 विस चुनाव लड़ने का ऐलान किया है तब से सुजानपुर विस क्षेत्र से दर्जनों लोग कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं तथा प्रदेश भर से भाजपा नेता भी धूमल आवास समीरपुर के चक्कर काट रहे हैं क्योंकि प्रदेश भाजपा को भी मालूम है कि बिना धूमल मिशन रिपीट नामुनकिन है। शायद इस बात का अहसास भाजपा हाईकमान को भी भलीभांति हो चुका है। यही कारण है कि पिछले दिनों हमीरपुर जिला के दौरे पर आए हिमाचल भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भी कह दिया था कि धूमल की उपस्थिति हर जगह रहेगी तथा 2022 विस चुनावों के बाद भाजपा के विधायक ही अपने नेता चुनेंगें। यानि उनका स्पष्ट संकेत था कि भाजपा 2022 विस चुनावों में अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी और सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारो को ही टिकट मिलेगा।

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