स्पैशल ऑडिट में बड़ा खुलासा, कृषि सहकारी सभा ने बिना गारंटी बांट दिया 50 लाख का ऋण

Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2019 09:50 PM

big disclosure in special audit

जिला की एक कृषि सहकारी सभा में बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। विभागीय स्तर पर विशेष ऑडिट के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। पता चला है कि कृषि सहकारी सभा की तरफ से ऐसे ऋण जारी कर दिए गए, जिसे सहकारी सभा जारी नहीं कर...

ऊना (सुरेन्द्र शर्मा): जिला की एक कृषि सहकारी सभा में बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है। विभागीय स्तर पर विशेष ऑडिट के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। पता चला है कि कृषि सहकारी सभा की तरफ से ऐसे ऋण जारी कर दिए गए, जिसे सहकारी सभा जारी नहीं कर सकती थी। ऑडिट के दौरान पता चला है कि 40 से 50 लाख तक के ऋण बिना गारंटी के आधार पर जारी किए गए हैं। हालांकि नियमों के मुताबिक कोई भी सहकारी सभा अधिकतर 10 लाख रुपए तक का ऋण ही जारी कर सकती है। इससे अधिक का ऋण देने के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है। विवादों में आई कृषि सहकारी सभा ने कई लोगों को बेतहाशा ऋण जारी कर दिए जिसकी वजह से अब कृषि सहकारी सभा की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। अब सहकारी सभा में राशि जमा करने वालों को अदायगी करनी मुश्किल हो गई है।

सहकारी सभा में राशि लगाने वालों में मचा हड़कंप

जिला में कई कृषि सहकारी सभाएं अपने कामकाज को लेकर पहले ही विवादों में आ चुकी हैं। अब 20 करोड़ रुपए के कारोबार वाली कृषि सहकारी सभा में हुई वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उन लोगों में हड़कंप की स्थिति है जिन्होंने इस सहकारी सभा में राशि लगाई थी। ऑडिट के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ऋण धारकों को नोटिस जारी किए गए थे लेकिन लोन लेने वालों ने ऐसे कोई भी ऋण न लेने से ही इंकार कर सभी को चौंका दिया। सवाल यह है कि क्या ऋण किसी ओर को दिए गए और नाम किसी ओर का लिखा गया है या फिर बिना गारंटी के दिए गए ऋणों को देने से लोग आनाकानी करने लगे हैं। पूरी तरह से कृषि सहकारी सभा अपने कामकाज को लेकर विवादों से घिर गई है।

ऑडिटरों की भूमिका पर उठने लगे सवाल

सवाल उस ऑडिट प्रक्रिया पर भी है जो हर साल कृषि सहकारी सभा में करवाए जाते रहे हैं। क्या साल दर साल ऑडिट में इन तथ्यों को अनदेखा किया गया या जान बूझकर इसे नजरंदाज किया गया। कृषि सहकारी सभा के साथ-साथ ऑडिटरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। कई लोग अपनी राशि लेने के लिए सहकारी सभा में आ रहे हैं परन्तु सहकारी सभा के पास पर्याप्त धनराशि ही नहीं है। आखिर यह 20 करोड़ रुपए की राशि कहां गई और इसे कहां खर्च किया गया है।

ऋण वापस देने में आनाकानी कर रहे लोग

कृषि सहकारी सभा ने ऐसे ऋणों में पूरी सभा की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े किए हैं जिसमें कुछ व्यक्तियों को 40 लाख या इससे अधिक के ऋण दे दिए गए हैं। अब ऑडिट टीम ने ऐसे लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इसके बाद ऑडिटर आरवीटरेशन का प्रोसैस भी शुरू किया जाएगा लेकिन ए.आर. का पद खाली होने की वजह से यह प्रक्रिया भी आरंभ नहीं की जा रही है। सोसायटी की तरफ से दिए गए ऋणों की वापसी को लेकर संशय है। बिना गारंटी दिए गए ऋणों की अदायगी हो पाएगी या नहीं यह भी सवालों के घेरे में है। कई लोग पहले ही ऋण वापस देने में आनाकानी करने लगे हैं। यदि यही स्थिति रही तो सोसायटी में लोगों की जमा पंूजी के डूबने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।

आधा दर्जन सोसायटियां जांच के दायरे में

जिला ऊना में पहले भी कई सहकारी सभाएं विवादों में हैं। कटौहड़ खुर्द, दियोली के बाद एक और कृषि सहकारी सभा में इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं ने कृषि सहकारी सभाओं का कामकाज विवादों के घेरे में आ गया है। जिला की करीब आधा दर्जन सोसायटियां खराब कार्यप्रणाली को लेकर जांच के घेरे में हैं। कुछ और सोसायटियों के कामकाज को लेकर शिकायतें उच्च स्तर पर पहुंची हैं।

कुल 32 पद चल रहे खाली

एक तरफ सहकारिता मंत्री दावा कर रहे हैं कि सहकारी सभाओं में वित्तीय अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए विशेष ऑडिट व्यवस्था की जाएगी तो दूसरी तरफ कृषि सहकारी सभाओं पर नजर रखने के लिए न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही ऑडिटर हैं जो इन सहकारी सभाओं पर नजर रख सकें। जिला ऊना में पिछले 2 माह से असिस्टैंट रजिस्ट्रार ही नहीं है। एआर के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त हैं। न तो किसी को चार्ज दिया गया है और न ही एआर की स्थायी नियुक्ति हुई है। एआर न होने की स्थिति में जिला में जिन कृषि सहकारी सभाओं में वित्तीय अनियमितताओं के मामले चले हैं उनमें कामकाज की देखरेख करना, नोटिस देने और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है। जिला ऊना में इंस्पैक्टरों और ऑडिटरों के पहले ही कई पद खाली चले हुए हैं। जिला ऊना में सहकारी सभा निरीक्षकों के 19 में से 12 पद खाली हैं जबकि ऑडिट इंस्पैक्टर के 28 में से 20 पद खाली हैं। कुल 32 पद खाली हैं।

ऋण लौटाने के लिए नोटिस प्रक्रिया जारी

इंस्पैक्टर रविंद्र सिंह जसवाल ने बताया कि एक कृषि सहकारी सभा में विशेष ऑडिट शुरू किया गया है। ऑडिट के दौरान कई वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। ऐसे ऋण जारी कर दिए गए हैं जो सहकारी सभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं थे। 40 से 50 लाख के ऋण भी दिए गए हैं। ऋण लौटाने के लिए नोटिस प्रक्रिया जारी की गई है। इस मामले में आगामी प्रक्रिया भी अमल में लाई जाएगी लेकिन एआर न होने की वजह से अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं एआर ऑफिस अधीक्षक मनमोहन ने बताया कि पिछले 2 महीनों से एआर का पद रिक्त है। किसी को भी चार्ज नहीं दिया गया है।

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