Big decision : जिले में घूमने के लिए कर्फ्यू पास जरूरी नहीं

Edited By prashant sharma, Updated: 11 May, 2020 05:50 PM

big decision curfew pass is not necessary to visit the district

कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश की सरकार के साथ ही प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए थे। इनमें से एक कर्फ्यू भी था। इस दौरान घूमने के लिए सरकार ने कर्फ्यू पास भी जारी किए थे।

शिमला : कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश की सरकार के साथ ही प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए थे। इनमें से एक कर्फ्यू भी था। इस दौरान घूमने के लिए सरकार ने कर्फ्यू पास भी जारी किए थे। इन पास को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब जिले के भीतर आवाजाही के लिए कर्फ्यू पास अनिवार्य नहीं है। हालांकि एक से दूसरे जिले में जाने के लिए कर्फ्यू पास अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को जिलों के डीसी और एसपी के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया। सीएम ने कहा कि अब जिले के भीतर बिना कर्फ्यू पास आवाजाही की अनुमति होगी, जबकि एक से दूसरे जिले में जाने के लिए पास बनाना अनिवार्य होगा। बिना पास एक से दूसरे जिले में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में जाने की इजाजत नहीं होगी। 

उन्होंने कहा कि राज्य के 68 हजार लोगों ने प्रदेश में प्रवेश के लिए ई-पास के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि इनमें से बड़ी संख्या में लोग रेड जोन से आ रहे हैं, इसलिए संस्थागत क्वारंटीन सुविधा की आवश्यकता होगी। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां सुविधाओं के साथ ऐसे लोगों को रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों की स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगलूरू से विशेष ट्रेन 13 मई को सुबह छह बजे ऊना पहुंचेगी और थिविम, मड़गांव और करमाली (गोवा) से एक और विशेष ट्रेन 15 मई को ऊना पहुंचेगी। उन्होंने डीसी ऊना को निर्देश दिया कि वे पूरी व्यवस्था करें। सीएम ने कहा कि इन लोगों की सुविधा के लिए भोजन के पैकेट, पानी आदि की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड जोन से आ रहे सर्दी, खांसी जुकाम के लक्षणों वाले हिमाचलियों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा। राज्य में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पूरी तरह से चिकित्सकीय जांच की जानी चाहिए और उसके बाद ही यह तय किया जाना चाहिए कि उसे संस्थागत क्वारंटीन में रखना है या होम क्वारंटीन में। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी बातचीत की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर सभी फंसे हिमाचलियों को देहरादून तक लाने के लिए सहमत हो गई है और वहां से उन्हें उनके मूल स्थान पर लाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। 

सीएम ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन को और अधिक कठोर बनाने के लिए एक सिस्टम विकसित करने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को ऐसे घरों पर नजर रखने के लिए पंचायती राज संस्थानों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए ताकि होम क्वारंटीन में रह रहे लोग घर से बाहर न निकलें। सीएम ने कहा कि लगभग 300 छात्र भी जल्द ही यूक्रेन से चंडीगढ़ पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी छात्रों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि हिमाचल से प्रवासियों का पलायन रोका जाएगा और उन्हें प्रदेश में पर्याप्त काम के अवसर प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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