Edited By Vijay, Updated: 26 Oct, 2018 07:54 PM
शुक्रवार को पीटरहॉफ में जलरक्षक संघ की तरफ से एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। जलरक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज विभाग में वर्ष 2006 कार्य कर रहे लगभग 6,300 जलरक्षकों की...
शिमला: शुक्रवार को पीटरहॉफ में जलरक्षक संघ की तरफ से एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। जलरक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज विभाग में वर्ष 2006 कार्य कर रहे लगभग 6,300 जलरक्षकों की मांगों का समाधान करने के लिए उचित नीति तैयार करेगी। इस नीति के प्रारूप को आगामी बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें 12 साल का सेवाकाल पूरा करने वाले जलरक्षकों को नियमित करने के साथ उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे जलरक्षक
कार्यक्रम के बाद दोपहर बाद प्रदेश सचिवालय में जलरक्षकों की मांगों को लेकर बैठक भी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जलरक्षकों की मांगों तथा समस्याओं पर विचार कर रही है और उनके मानदेय में बढ़ौतरी करने तथा अन्य लाभ प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल रक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन वे कड़ी मेहनत के अनुरूप मानदेय प्राप्त नहीं कर रहे हैं। हालांकि जलरक्षक संघ से कोई मांग प्राप्त किए बिना पहले बजट में उनका मानदेय 400 रुपए बढ़ाया गया था जो राज्य सरकार की उनके प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।
सी.एम. कार्यालय में जलरक्षक संघ की मांगों पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने इसके बाद अपने कार्यालय में जलरक्षक संघ की मांगों पर विस्तृत चर्चा करने को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मांगों का परीक्षण कर और आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि जल रक्षकों द्वारा दी जा रही बहुमूल्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत प्रदान की जा सके। बैठक में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची, सचिव आई.पी.एच. देवेश कुमार, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज डा. आर.एन. बत्ता तथा आई.पी.एच. और पंचायती राज विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
संघ के अध्यक्ष ने प्र्रस्तुत की मांगें
जल रक्षक संघ के अध्यक्ष बली राम शर्मा ने संघ की मांगों को प्रस्तुत किया और जल रक्षकों के मानदेय में बढ़ौतरी के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। जल रक्षकों ने मांग की कि उनको पंचायती राज विभाग से बदलकर आई.पी.एच. विभाग में शामिल किया जाए। इसके अलावा सभी जल रक्षकों को प्रतिमाह वेतन दिया दिया जाए। संघ ने यह भी मांग रखी कि जिन जल रक्षकों को सेवाएं देते हुए 3 साल से अधिक हो गया है, उनको अनुबंध पर लाया जाए और जिनका कार्यकाल 3 साल से कम है, उनके वेतन में वृद्धि की जाए।
जलरक्षकों को अधिक जिम्मेदारी देने पर विचार : महेंद्र सिंह
इस मौके पर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में जलरक्षकों को और अधिक जिम्मेदारी देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से भारत सरकार ने राज्य में वर्ष, 2000 से पूर्व शुरू हुई जल संग्रहण तथा सिंचाई योजनाओं के संवर्धन के लिए 5,551 करोड़ रुपए की 2 मुख्य परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।