भट्टाकुफर मंडी में टाइडमैन सेब का दबदबा, भाव सुनकर बागवानों के खिले चेहरे

Edited By Ekta, Updated: 11 Jul, 2018 05:14 PM

bhatta kufar mandi in taidman apple of predominancy

शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में टाइड मैन किस्म का सेब 1800 रुपए प्रति पेटी बिका। सेब के भी बागवानों को इस बार अच्छे भाव मिल रहे हैं। पिछले सप्ताह टाइडमैन सेब भी 2050 रुपए पेटी के हिसाब से भी सेब बिक चुका है। बता दें कि एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर स्पर...

शिमला (राजीव): शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में टाइड मैन किस्म का सेब 1800 रुपए प्रति पेटी बिका। सेब के भी बागवानों को इस बार अच्छे भाव मिल रहे हैं। पिछले सप्ताह टाइडमैन सेब भी 2050 रुपए पेटी के हिसाब से भी सेब बिक चुका है। बता दें कि एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर स्पर किस्मों का सेब बाजार में पहुंचना शुरू होगा। अमूमन टाइडमैन की तुलना में इसको डेढ़ गुणा अधिक दाम मिलते हैं। इस बार बागवान स्पर और रायल किस्म के सेब के भी अच्छे दाम की आस लगाए हुए हैं। जानकारों की मानें तो इस साल इसकी कम फसल को देखते हुए अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है। पिछले साल की तुलना में इस बार 70 से 80 फीसदी सेब की फसल होने का पूर्वानुमान है। यही वजह है कि टाइडमैन सेब भी 2050 रुपए के हिसाब से बिक चुका है। 
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प्रदेश में अब सेब सीजन भी धीरे-धीरे अब रफ्तार पकड़ने लगा है। अकेले भट्टाकुफर मंडी में रोजाना 4400 से 4500 पेटी सेब पहुंचना शुरू हो गया है, जबकि अभी सेब की जल्दी तैयार होने वाली किस्मे ही मंडियों में पहुंच रही है। इन दिनों 4000 फीट से लेकर 5000 फीट तक ऊंचाई वाले करसोग, कोटखाई, बसलन, ठियोग, रोहड़ू, रामपुर व चौपाल के निचले इलाकों से सेब मंडियों में आ रहा है। सेब का राजा कहे जाने वाला रॉयल सेब भी 20 जुलाई के बाद मंडियों में दस्तक देना शुरु करेगा। इसी तरह अन्य अर्ली वेरायटी का सेब भी सप्ताहभर में मंडी में आ जाएगा। टाइड मेन सेब 800 से 1800 रुपए प्रति पेटी बिका और रेड जून किस्म का सेब 300 से 600 रुपए प्रति पेटी बिका।


आमतौर पर टाइडमैन सेब 500 से 1000-1200 रुपए तक बिकता था, लेकिन इस बार इसकी कम फसल के कारण बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। सेब इतना अच्छा नहीं माना जाता। बावजूद इसके बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। सेब सीजन भी धीरे-धीरे अब रफ्तार पकड़ने लगा है। अकेले भट्टाकुफर मंडी में रोजाना 3100 पेटी सेब पहुंचना शुरू हो गया है। इसी तरह अन्य अर्ली वेरायटी का सेब भी सप्ताहभर में मंडी में आ जाएगा। प्रदेश की आर्थिकी में सेब का योगदान 4200 करोड़ रुपए से ज्यादा का रहता है। कांगड़ा और हमीरपुर जिला को छोडक़र समूचे प्रदेश में अब कम चिलिंग वाली सेब की किस्मों की खेती शुरु हो गई है। ऐसे में सेब सीजन के शुरुआती दौर में सेब के अच्छे दाम मिलने से प्रदेश के चार लाख बागवान परिवारों को इस साल पूरे सीजन के दौरान अच्छे रेट की आस बंध गई है। बागवानों के लिए अभी अच्छी बात यह है कि चीन के सेब आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और वाशिंगटन से सेब आयात पर हाल ही में 50 से 75 फीसदी आयात शुल्क किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आयात शुल्क बढ़ने के बाद अमरीका से भी कम मात्रा में सेब भारत आएगा। 

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