माननीयों को नहीं कायदे-कानून की फिक्र, ट्रैफिक रूल को सरेआम ठेंगा (Video)

Edited By Ekta, Updated: 08 Aug, 2018 02:23 PM

''जिसकी लाठी उसकी भैंस'' वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी। उसी का उदाहरण बयां कर रही हैं ये तस्वीरें। यह वीडियो मंडी जिला मुख्यालय के गेट के सामने का है, जहां पर कुछ सरकारी गाड़ियां पार्क की गई थी। इसमें खास बात यह है कि दोनों गाड़ियां प्रदेश के...

मंडी (नीरज): 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी। उसी का उदाहरण बयां कर रही हैं ये तस्वीरें। यह वीडियो मंडी जिला मुख्यालय के गेट के सामने का है, जहां पर कुछ सरकारी गाड़ियां पार्क की गई थी। इसमें खास बात यह है कि दोनों गाड़ियां प्रदेश के कैबिनेट मंत्री की हैं और इनके चालकों ने इन्हें नो पार्किंग में ठीक एसपी ऑफिस के पास पार्क कर दिया। साथ में राष्ट्रीय ध्वज को भी वाहन पर मंत्री की अनुपस्थिती में लगाए रखा गया। बता दें कि मंगलवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद ठाकुर मंडी के एक दिवसीय प्रवास पर आए हुए थे और वे राजमहल में एक बैठक में हिस्सा ले रहे थे। जहां पर उनकी गाड़ी पार्क थी उस समय पर बकायदा वाहन पर तिरंगा भी लगा हुआ था और सचिवालय का बोर्ड भी ढका नहीं गया था। 
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इस बात पर हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इसका विरोध किया। मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेन्द्र गुलेरिया ने कहा कि प्रशासन और पुलिस कानूनों के पालन में हर बार दोहरी नीति अपनाता है। उन्होंने कहा कि जब आम लोगों को डीसी ऑफिस, एसपी आफिस या फिर न्यायलय में 10 मिनट का भी काम हो तो भी ट्रैफिक पुलिस इन स्थानों पर वाहनों को खड़ा नहीं करने देते हैं। नो पर्किंग में वाहनों को खड़ा करने पर पुलिस द्वारा चालान काटे जाते हैं या फिर वाहनों को टो करके ले जाया जाता है। कई बार तो ट्रैफिक में लगे कर्मचारी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं करते। लक्ष्मेन्द्र सिंह गुलेरिया ने कहा कि वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज मंत्री या अन्य गणमान्य की उपस्थिती में ही लगाया जा सकता है जिसका भी बारिश में बंद वाहन पर लगाना ध्वज का अपमान करना है। उन्होने मांग उठाई कि ऐसे मामलों पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।

पत्रकारों ने जब ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी से वाहनों के बारे में पूछा तो उन्होने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते हैं। उसके बाद भी वे इन वाहनों को हटवाने के बजाए वहीं पर पार्क किए गए एक अन्य वाहन चालक से गप्पें लडाने लगे। वहीं वाहन पर लगे झंडे के बारे में जब ड्राइवर से पूछा गया तो उन्होने कहा कि जब मंत्री जी गाड़ी से जाते हैं तो राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता है और जब उतर जाते हैं तो ध्वज भी उतार दिया जाता है। हालांकि पत्रकार के सवाल पुछने के कुछ देर बाद ही ड्राइवर ने वाहन से राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया। हालांकि काफी देर बाद जब नो पार्किंग जोन से गाड़ियां नहीं हटवाई गई तो 100 नम्बर पर शिकायत दी गई जिसके बाद गाड़ियों के चालान तो नहीं काटे गए लेकिन वाहनों को वहां से हटवा दिया गया। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस प्रकार से अभी भी वीआईपी कल्चर समाप्त नहीं हुआ है और कानून बस आम लोगों के लिए ही हैं।
 

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