Edited By Ekta, Updated: 21 Jul, 2018 02:24 PM
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राष्ट्री़य स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाला कुल्लू जिला अब ठोस कचरे विशेषकर प्लास्टिक के कूड़े के दोबारा उपयोग व इस कबाड़ से खूबसरत कलाकृतियां तैयार करने की दिशा में एक नई पहल करने जा रहा है। जिला...
कुल्लू (मनमिंदर): स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राष्ट्री़य स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाला कुल्लू जिला अब ठोस कचरे विशेषकर प्लास्टिक के कूड़े के दोबारा उपयोग व इस कबाड़ से खूबसरत कलाकृतियां तैयार करने की दिशा में एक नई पहल करने जा रहा है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कला के प्रेमी युवाओं को प्लास्टिक-पॉलीथिन से खूबसूरत कलाकृतियां बनाने का प्रशिक्षण देने जा रही है। प्लास्टिक-पॉलीथिन को रिसाइकल व रियूज करके इसे कलाकृतियों में तबदील करने से जिला में ठोस कचरे का बेहतर प्रबंधन होगा और युवा कला प्रेमियों व हस्तशिल्पकारों रोजगार भी मिलेगा।
उपायुक्त एवं जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूनुस ने बताया कि अभिकरण 23 से 29 जुलाई तक कुल्लू स्थित आउटर सिराज भवन में युवाओं और महिलाओं के लिए एक कार्यशाला आयोजित करने जा रही है। राजकीय महाविद्यालय हरिपुर (मनाली) के सहयोग से आयोजित की जा रही इस कार्यशाला में प्लास्टिक-पॉलीथिन व अन्य ठोस कचरे से कई उपयोगी उत्पाद और कलाकृतियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्यशाला में उच्चतर शिक्षा से 15 विद्यार्थी, कुल्लू व हरिपुर कॉलेज से पांच वॉलंटियर्स व कैडेट, कुल्लू विकास खंड से चार महिला मंडलों की कार्यकर्ता और इसी खंड के छह स्वच्छता दूत भाग लेंगे।
इन प्रतिभागियों को कबाड़ से जुगाड़ करके सजावटी सामान व अन्य उपयोगी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूनुस ने बताया कि जिला ठोस कचरे के बेहतर प्रबंधन और प्लास्टिक-पॉलीथिन के रियूज व रि-साईकलिंग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। वही उपायुक्त कुल्लु यूनुस का कहना है कि इस तरह की कार्यशाला से युवाओं की कबाड़ से जुगाड़ कर के प्लास्टिक उर पॉलीथिन का फिरसे उपयोग किया जा सकता है।