Edited By Vijay, Updated: 16 Nov, 2018 08:13 PM
गांव के जिन कुत्तों को हम आवारा समझ कर भगा देते हैं वो मुसीबत के वक्त इंसान के मददगार साबित होते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला मंडी जिला की चौहारघाटी के शिल्हबुधाणी गांव में।
मंडी (नीरज): गांव के जिन कुत्तों को हम आवारा समझ कर भगा देते हैं वो मुसीबत के वक्त इंसान के मददगार साबित होते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला मंडी जिला की चौहारघाटी के शिल्हबुधाणी गांव में। यहां जंगल में घास काटने गई गुड्डी देवी को गांव के ही कुत्तों ने भालू से बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। मिली जानकारी के अनुसार गुड्डी देवी अपने भाई के साथ जंगल में घास काटने गई हुई थी। भाई घास लेकर वापस घर की तरफ आ गया।
भालू को देखकर भौंकने लगे आवारा कुत्ते
जंगल में अकेले घास काट रही महिला पर यहां से अपने बच्चों संग गुजर रही मादा भालू ने हमला बोल दिया। मादा भालू ने गुड्डी देवी के सिर, पैर और हाथ पर गहरे जख्म कर दिए। हालांकि गुड्डी देवी के हाथ में दराती थी लेकिन वह भालू के हमले से इतना घबरा गई कि बचाव में कुछ भी नहीं कर पाई। इतने में वहां घूम रहे गांव के आवारा कुत्तों ने भालू को देखकर भौंकना शुरू कर दिया।
बच्चों को जाता देख मौके से भागी मादा भालू
कुत्तों के भौंकने से मादा भालू के बच्चे घबरा कर वहां से भागने लगे। अपने बच्चों को जाता देख मादा भालू ने भी वहां से जाना ही बेहतर समझा। घायल अवस्था में महिला को पधर अस्पताल पहुंचाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद जोनल अस्पताल मंडी रैफर कर दिया गया है। यहां सर्जिकल वार्ड में महिला का उपचार जारी है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।