सुक्खू से माफी मंगवाने पर अड़े बावा, कांग्रेस को दे डाली ये चेतावनी

Edited By Vijay, Updated: 14 Jul, 2018 05:11 PM

bawa targeted on the sukhu this warning given to congress

इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बावा हरदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित अन्य 2 लोगों को दिए गए नोटिस का जवाब देने की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई है और यदि सुक्खू ने माफी नहीं मांगी तो वे उनके विरुद्ध उच्च न्यायालय में...

बिलासपुर: इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बावा हरदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित अन्य 2 लोगों को दिए गए नोटिस का जवाब देने की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई है और यदि सुक्खू ने माफी नहीं मांगी तो वे उनके विरुद्ध उच्च न्यायालय में मानहानि का दावा करेंगे। बिलासपुर में जिला इंटक के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में बावा ने कहा कि जब तक सुक्खू कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं तब तक इंटक कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी और आगामी लोकसभा चुनाव में यदि इस कारण कांग्रेस के उम्मीदवारों की हार होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की होगी।


वीरभद्र की सुक्खू को हटाने की मांग जायज
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह यदि सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाने की मांग कर रहे हैं तो यह मांग जायज ही होगी क्योंकि वीरभद्र सिंह को 56 साल के राजनीतिक जीवन का तजुर्बा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मौजूदा समय में कांग्रेस कार्यालय तक ही सीमित होकर रह गई है। अब कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन केवल कांग्रेस कार्यालय के बाहर तक ही सीमित होकर रह गए हैं।


सुक्खू को नहीं मालूम, इंटक का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अभी तक यह मालूम नहीं है कि इंटक का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है। उन्होंने कहा कि वे 20 अगस्त, 2017 को हुए साधारण अधिवेशन में प्रदेशाध्यक्ष बने हैं तथा इंटक के संविधान के अनुसार उन्हें हटाने या किसी को नामित करने की शक्ति किसी के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को वे उदयपुर में 27 व 28 जुलाई को होने वाली बैठक में रखेंगे। इस बैठक में सचिन पायलट व अशोक गहलोत मुख्यातिथि के रूप में शिकरत करेंगे। उन्होंने बताया कि इंटक की राज्य कार्यकारिणी की बैठक 22 जुलाई को ऊना में रखी गई है। इस बैठक में श्रमिकों की समस्याओं का एक मांगपत्र तैयार किया जाएगा और उसे प्रदेश सरकार के समक्ष रखकर हल करवाया जाएगा।


हिमाचल श्रम कल्याण बोर्ड की बैठक 7 महीने से लटकी
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 7 महीने से हिमाचल श्रम कल्याण बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त न होने के कारण बोर्ड के निदेशकों की बैठक नहीं हो पा रही है। इससे श्रमिकों को मिलने वाले लाभों से वंचित रहना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार से श्रमिक हित में शीघ्र बोर्ड के चेयरमैन की नियुक्ति करने तथा बोर्ड के निदेशक मंडल में श्रमिक संगठनों को शामिल करने की मांग भी की है। इस अवसर पर रूप सिंह व जगतार बैंस सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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