बावा हरदीप बोले- एक सप्ताह में माफी मांगें सुक्खू नहीं तो करेंगे मानहानि का दावा

Edited By Ekta, Updated: 02 Jul, 2018 10:14 AM

bawa hardeep said in one week apologize if you will not claim libel

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इंटक प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए बावा हरदीप सिंह ने दावा किया है कि वह अभी भी इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हैं। उन्होंने सुक्खू द्वारा इंटक अध्यक्ष पद पर की गई नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है। शिमला में...

शिमला (जय): प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इंटक प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए बावा हरदीप सिंह ने दावा किया है कि वह अभी भी इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हैं। उन्होंने सुक्खू द्वारा इंटक अध्यक्ष पद पर की गई नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है। शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने साजिश रची है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पास इंटक के किसी भी पदाधिकारी को नियुक्त करने व पद से हटाने की शक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी ट्रेड यूनियन के सदस्य को पार्टी की सदस्यता लेना अनिवार्य नहीं है। इंटक ट्रेड यूनियन का अपना संविधान है और यह रजिस्टर्ड यूनियन है तथा इसमें किसी पदाधिकारी की नियुक्ति राष्ट्रीय स्तर की यूनियनों द्वारा की जाती है। 


उन्होंने कहा कि 20 अगस्त, 2017 को बिलासपुर में इंटक के हुए चुनाव में देशभर की यूनियनों के आए 204 प्रतिनिधियों ने उन्हें 3 वर्ष के लिए प्रदेशाध्यक्ष चुना है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इंटक की किसी भी ट्रेड यूनियन का कभी सदस्य नहीं रहा उसे प्रदेशाध्यक्ष कैसे बनाया जा सकता है। बावा हरदीप सिंह ने मामले पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को एक सप्ताह के भीतर प्रदेश उच्च न्यायालय या फिर सर्वोच्च न्यायालय के ऐसे कोई भी आदेश जिनमें उन्हें इंटक प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने का कोई निर्णय हो, को बताने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजीवा रैडी को कार्यकारिणी से हटाने के आदेश को भी सार्वजनिक करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यदि सुक्खू ये आदेश नहीं दिखा सके तो वह सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। 


उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह में वह माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ वह मानहानि का दावा करेंगे। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष हुए चुनाव में उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था लेकिन जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो क्षेत्र की जनता ने उन्हें आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतारा। उन्होंने कहा कि वह वीरभद्र समर्थक हैं और ऐसे में चुनाव लड़ने पर वीरभद्र ने भी उन्हें मना किया था लेकिन जनभावनाओं को देखते हुए उन्होंने चुनाव लड़ा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव उन्होंने बी.जे.पी. के खिलाफ ही लड़ा था लेकिन अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उनसे मामले पर बदला ले रहे हैं।

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