Edited By Vijay, Updated: 24 Mar, 2019 06:40 PM
जयराम सरकार ने जिस तरह बार की लाइसैंसिंग फीस को बढ़ाकर एक दम दोगुना कर दिया है, उससे प्रदेश के बार मालिक भड़क गए हैं। हिमाचल प्रदेश बार एंड रैस्टोरेंट ऐसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश गौतम ने बताया कि सरकार की इस तरह से बढ़ाई गई लाइसैंसिंग फीस से...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): जयराम सरकार ने जिस तरह बार की लाइसैंसिंग फीस को बढ़ाकर एक दम दोगुना कर दिया है, उससे प्रदेश के बार मालिक भड़क गए हैं। हिमाचल प्रदेश बार एंड रैस्टोरेंट ऐसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश गौतम ने बताया कि सरकार की इस तरह से बढ़ाई गई लाइसैंसिंग फीस से कारोबार को ठप्प करने का अफसरशाही फरमान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान के बाद कई बार बंद हो सकते हैं क्योंकि अगर कमाई का आधे से ज्यादा भाग लाइसैंसिंग फीस के नाम पर सरकार वसूलती रही तो मालिकों को अपने कर्मचारीयों की पगार देने के लाले पड़ जांएगे।
64 हजार से बढ़ाकर साढ़े 3 लाख से ऊपर कर दी फीस
उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में लाइसैंसिंग फीस 64 हजार से बढ़ाकर सीधे साढ़े 3 लाख से ऊपर कर दी गई है जबकि बार में शराब का कोटा भी दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब पुराने तय कोटे के हिसाब ही शराब नहीं बिक पा रही है तो फिर कोटा दोगुना करने से क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी तर्क संगत नीति बनाती, जिससे लाइसैंसिंग फीस भी चुकता हो जाती और तय शराब का कोटा भी बिक जाता। उन्होंने कहा कि गोवा जैसी टूरिज्म स्टेट में भी लाइसैंसिंग फीस महज 30 हजार रुपए है।
हाईकोर्ट से स्टे न मिला तो सरकार को सरैंडर करेंगे बार लाइसैंस
उन्होंने कहा कि इसी मामले को लेकर बार एंड रैस्टोरेंट ऐसोसिएशन हाईकोर्ट मेें स्टे लेने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर 31 मार्च से पहले स्टे मिल गया तो ठीक है नहीं तो 31 मार्च के बाद सभी बार मालिक अपने बार लाइसैंस सरकार को सरैंडर कर देंगे। इस बैठक में पूरे प्रदेश से ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया।