मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे बैंकर्ज, केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बोला हल्ला

Edited By Vijay, Updated: 26 Dec, 2018 08:37 PM

bankers protest against the policies of central government

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनस के आह्वान पर बुधवार को प्रदेशभर सहित शिमला में बैंकों की हड़ताल रही। बैंकों के हड़ताल के कारण करोड़ों रुपए के लेने देने का कार्य प्रभावित रहा। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। बुधवार को बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को...

शिमला: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनस के आह्वान पर बुधवार को प्रदेशभर सहित शिमला में बैंकों की हड़ताल रही। बैंकों के हड़ताल के कारण करोड़ों रुपए के लेने देने का कार्य प्रभावित रहा। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। बुधवार को बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार व आई.बी.ए. की नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला। बैंकर्ज केंद्र सरकार की बैंकों के विलय का कड़ा विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में बैंकर्ज ने डी.सी ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया। आई.बोक के प्रदेश सचिव व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक गोपाल शर्मा ने धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर के 10 लाख बैंकर्ज अपनी मांगों को लेकर आज सड़कों पर उतरें हैं, जिसका कारण केंद्र सरकार की गलत नीतियों और बैंकों पर विलय का दबाव डालना है। इस समय 2 बैंक विजय बैंक और देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो रहे हैं, जिसका बैंकर्ज कड़ा विरोध करते हैं।

ये हैं बैंकर्ज की मांगें

प्रदेश सचिव गोपाल शर्मा ने कहा कि बैंकर्ज की वेतन वृद्धि चार्टर ऑफ डिमांट जोकि 1-11-2017 को दिया गया है मुताबिक हो, अधिकारियों के स्केल 1 से 7 यानी कि एक जूनियर अधिकारी से लेकर महाप्रबंधक तक वेतन वृद्धि की जाए लेकिन इंडियन बैंक एसोसिएशन जोकि केंद्रीय सरकार की ओर से पक्ष रखती है। उसका कहना है कि वेज रिवीजन सिर्फ स्केल 3 तक ही होगा। आई.बी.ए. द्वारा यह मानने से इंकार कर दिया  जिसके चलते मजबूरन हड़ताल की जा रही है। इसके अलावा बैंक यूनियनों की मांग है कि बैंकों का कार्यदिवस 6 दिन की जगह 5 दिन किया जाए, साथ ही नई पैंशन नीति को बदलकर पुरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग की गई है। बैंक को थर्ड पार्टी कार्यों से छुटकारा दिलाकर सिर्फ  कोर बैंकिंग करने दिया जाए, बैंक अधिकारियों के काम का समय निर्धारित किया जाए, बैंक कर्मचारियों के काम कोई समयनिर्धारण नहीं हैं, पैंशनर्स के मैडीकल इंश्योरैंस के प्रीमियम को कम किया जाए, पैंशन को अपडेशन व फैमिली पैंशन का नवीनीकरण करने की मांग की जा रही है।

धरना-प्रदर्शन में ये रहे मौजूद

धरना-प्रदर्शन में आई.बोक के प्रधान नरेंद्र चौहान, ए.आई.बी.ई.ए. के प्रेम वर्मा, आई.बोक. के उपाध्यक्ष एस.पी. भैयक, राकेश वर्मा, एन.सी.बी.ई. के एम.एस. वर्मा, सुनीता, आई.बोक. के नरेंद्र शर्मा, पी.एन.बी. के एस.एल. शर्मा, यूको बैंक के जी.एस. नरेंद्र वर्मा, आई.बोक. के अभिमन्यु खोसला सहित अन्य बैंकर्ज मौजूद रहे।

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