Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 09 Nov, 2020 04:17 PM
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिला में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए सरकारी कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के एक साथ बैठकर खाना खाने व चायपान पर रोक लगा दी है।
मंडी (रजनीश) : डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिला में कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए सरकारी कार्यस्थलों पर कर्मचारियों के एक साथ बैठकर खाना खाने व चायपान पर रोक लगा दी है। इसके साथ-साथ सरकारी कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल को लेकर लापरवाही व नाफरमानी हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीसी मंडी ने सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्यस्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरी ईमानदारी से पालन करने को कहा है और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को जिला से लेकर ग्रामीण स्तर तक के अपने प्रत्येक कार्यालय के हरेक कर्मी को इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए दिशानिर्देश जारी करें। डीसी मंडी द्वारा सोमवार को जिला में कोरोना संक्रमण की स्थिति व बचाव के उपायों की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक की अध्यक्षता हुए यह निर्देश दिए।
शिक्षकों के संक्रमित पाए जाने की जांच करेंगे एसडीएम
डीसी ने जिला में शिक्षण संस्थानों में एक साथ बड़ी संख्या में अध्यापकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के मामलों को देखते हुए संबंधित एसडीएम को इसके पीछे के कारणों का पता लगाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसमें स्कूल स्टाफ द्वारा कोविड एसओपी का ठीक से पालन न करने, लापरवाही बरते जाने जैसे पहलुओं की भी छानबीन की जाएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कोविड प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव की सावधानियों का ठीक तरह से पालन न करने और एक साथ बैठकर चाय पीने एवं खाना खाने से संक्रमण के प्रसार का खतरा कई गुना बड़ा जाता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि कार्यस्थलों पर कोरोना से बचाव के दृष्टिगत एक दूसरे से दो गज की दूरी रखने के साथ ही लगातार मास्क पहन कर रखा जाए। इसमें लापरवाही से समस्या और विकराल हो रही है। समय समय पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें अथवा हाथ धोते रहें। जब तक सबके लिए कोरोना की कोई दवाई नहीं आ जाती सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है।
युवाओं की लापरवाही बुजुर्गों पर पड़ रही भारी
डीसी ने कहा कि विश्लेषण में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना से संक्रमित बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण उनके घर के युवाओं की लापरवाही से हुआ। जिला में कोरोना संक्रमित करीब 61 प्रतिशत मरीज 20 से 50 साल के बीच के हैं, लेकिन अब तक कोरोना संक्रमण से जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें 60 साल की आयु से अधिक और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या सर्वाधिक है। कोरोना का संक्रमण स्वस्थ्य व युवा वर्ग के लोगों की अपेक्षा पहले से बीमारी से ग्रसित अथवा बुजुर्गों को अधिक हानि पहुंचा रहा है, इसके दुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इसलिए उनका ज्यादा ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जब भी बाहर निकलें तो मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें और घर पर भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।