गैर-विस्थापित करोड़पतियों को भूमि पर कब्जा करवाने में दिलचस्पी दिखा रही सरकार : बंबर ठाकुर

Edited By Vijay, Updated: 29 Sep, 2019 09:28 PM

bamber thakur target on government

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बिलासपुर सदर क्षेत्र से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि गाेबिंद सागर निर्माण के कारण पुराने बिलासपुर नगर से विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास के लिए बसाए गए नए बिलासपुर नगर में इस समय कुछ मुट्ठी भर करोड़पतियों...

बिलासपुर: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बिलासपुर सदर क्षेत्र से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि गाेबिंद सागर निर्माण के कारण पुराने बिलासपुर नगर से विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास के लिए बसाए गए नए बिलासपुर नगर में इस समय कुछ मुट्ठी भर करोड़पतियों द्वारा सत्ताधारी नेताओं के सहयोग और समर्थन से धीरे-धीरे बहुमूल्य भूमि पर कब्जा जमाया जाता रहा है। हालांकि भाखड़ा डैम निर्माण में उनका जरा भी योगदान नहीं रहा है।

उन्होंने कहा कि खेद इस बात का है कि एक ओर तो सरकार निर्धन भाखड़ा विस्थापितों द्वारा विवशतावश अपने परिवारों का सिर ढांपने के लिए किए गए अतिक्रमण करके बनाए गए आशियानों को तुरंत गिराने और भूमि खाली करने के नोटिस जारी करके उन्हें दोबारा से उजाडऩे पर तुली हुई है और दूसरी ओर नियम-कानून को ताक पर रख कर इन गैर-विस्थापित करोड़पतियों को बीघों के हिसाब से भूमि पर कब्जा करवाने में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है।

उन्होंने कहा कि 4-5 परिवारों ने मुख्य बस अड्डे के समीप पहले किसी तथाकथित संस्था का निर्माण करके भूमि अलॉट करवाई और फि र उस पर 5-6 मंजिला भवन खड़ा किया गया। उन्होंने कहा कि इस जमीन का प्रयोग बस अड्डे के विस्तार के लिए किया जाना प्रस्तावित था किन्तु अब अड्डे का विस्तार करने के लिए समीप कोई जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण अड्डे का निर्माण वर्षों से अधर में लटका पड़ा है। यही नहीं, परिधि गृह के पास जिस वाहन पार्किंग भवन निर्माण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. धूमल और भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिलान्यास किया था, उस स्थल पर सड़क का निर्माण कर दिया गया है जबकि जिला प्रशासन और सरकार आंखें मूंदे तमाशबीन बनी हुई है।

उन्होंने सरकार से पूछा है कि मार्कीटिंग यार्ड के लिए बनाए गए लोअर निहाल में एक विशाल भवन को किन परिस्थितियों में बिना किसी मुरम्मत के गिरने की अवस्था तक पहुंचाया गया और अब वह कौन सी एजैंसी अथवा संस्था है जिसे उस स्थल पर भवन निर्माण बनाने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार को नागरिकों को बताना चाहिए कि उस स्थल को किन शर्तों अथवा प्रतिस्पर्धा पर और किस उद्देश्य से भवन निर्माण के लिए अलॉट किया गया है और उस नए भवन का प्रयोग किस कार्य के लिए किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बड़े ही आश्चर्य की बात है कि 2 वर्षों से सुहारघाट में बड़े वाहनों को तोलने वाली वाहन भार तोलक मशीन निरंतर खराब चली आ रही है और इसे आज तक ठीक नहीं करवाया गया है और न ही नई मशीन लगाई गई है, जिस कारण सरकार को जान-बूझकर टैक्स का भारी चूना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें भी कुछ बड़े लोगों की मिलीभगत व षड्यंत्र स्पष्ट दिख रहा है जिस सब की भी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।

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