33 करोड़ के गबन मामले में नामजद आरोपी सचिव की जमानत याचिका खारिज, न्यायिक हिरासत में भेजा

Edited By Vijay, Updated: 15 Jul, 2019 09:57 PM

bail plea dismissed sent on judicial custody

घुमारवीं के अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी विक्रांत कौंडल की अदालत ने 33 करोड़ रुपए के मामले में नामजद आरोपी सभा सचिव राजेश पटियाल की जमानत याचिका को खारिज करते हुए उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

घुमारवीं: घुमारवीं के अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी विक्रांत कौंडल की अदालत ने 33 करोड़ रुपए के मामले में नामजद आरोपी सभा सचिव राजेश पटियाल की जमानत याचिका को खारिज करते हुए उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला अभियोजक भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने अपना पक्ष रखा। बताते चलें कि दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा के सचिव पर लगभग 33 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। एस.आई.टी. की तफ्तीश जैसे-जैसे आगे बढ़ी, इस मामले में बड़े-बड़े खुलासे सामने आए।

एक ही दिन में 99 लोगों को बांटे 20-20 लाख के ऋण

पुलिस तफ्तीश में आया कि आरोपी ने एक ही दिन में 99 लोगों को 20-20 लाख रुपए के ऋण बांट दिए। इन लोगों को आरोपी ने 19 करोड़ 80 लाख रुपए के ऋण के रूप में वितरित किए लेकिन यहां हैरान करने वाला पहलू यह है कि इन 99 लोगों का कोई अता-पता ही नहीं है। इन तमाम लोगों की गारंटी एक महिला और पुरुष द्वारा दी गई है। इस गोलमाल में ये 2 लोग भी सभा सचिव के साथ शामिल थे। यह भी जानकारी मिली है कि इन दोनों पति-पत्नी को भी सभा की ओर से करोड़ों रुपए लोन के रूप में प्रदान किए गए लेकिन ये दोनों लोग बाहरी राज्य से संबंध रखने वाले हैं। लोन चुकाने वाले लोग जो-जो धनराशि सभा में जमा करवाते थे, मामले का आरोपी उसे दोबारा ऋण के रूप में बांट देता था।

जमीन व दुकान खरीदने के नाम पर भी घोटाला

अंकेक्षण के दौरान यह भी पाया गया था कि जमीन व दुकान खरीदने के नाम पर भी सभा में बड़ा घोटाला हुआ है। इस गोलमाल में जो पति-पत्नी शामिल थे, उन दोनों को सभा की ओर से कुछ धनराशि लोन के रूप में दी गई। उसके बाद इन दोनों ने अपने कारोबार के माध्यम से सभा से 2 करोड़ रुपए की लिमिट बनवाई। उसके बाद सभा ने इन्हें 20 से 22 करोड़ रुपए की राशि ऋण के रूप में प्रदान की। इस हिसाब से आरोपी ने लगभग 27 करोड़ रुपए के फर्जी लोन जारी किए। इसके अलावा 6 करोड़ रुपए का व्यय दर्शा कर गबन किया गया। आरोपी राजेश पटियाल के लगभग अलग-अलग जगहों पर 7 बैंकों में खाते भी पाए गए। पुलिस इन खातों की छानबीन कर रही है।

सचिव ने अपने खाते में की 24.81 करोड़ की ट्रांजैक्शन

एक तथ्य यह भी सामने आया है कि सभा सचिव ने वित्त वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2018 तक अपने खाते में लगभग 24 करोड़ 81 लाख रुपए की ट्रांजैक्शन की है। यह भी सामने आया कि आरोपी ने अपने परिवार के एक सदस्य के खाते में 2 वर्षों के भीतर लगभग 12 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन की है। एस.आई.टी. इस मामले में 2 लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस का मानना है कि इन दोनों की इस घोटाले में संलिप्तता पाई जा रही है।

सभा सचिव के साथ-साथ प्रबंधन कमेटी भी दोषी

जिला अंकेक्षण अधिकारी द्वारा जारी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभा में धन का जो गोलमाल किया गया है, इसके लिए उस समय की प्रबंधन कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। इस हिसाब से सभा सचिव के साथ-साथ प्रबंधन कमेटी भी दोषी है। प्रबंधन कमेटी पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने कार्य को सही ढंग से नहीं निभाया। इसके अलावा उस समय की कमेटी पर लापरवाही बरतने के भी आरोप लगाए गए हैं। अब देखना यह है कि एस.आई.टी. की जांंच इस ओर बढ़ती भी है या नहीं।

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