Edited By kirti, Updated: 02 Sep, 2019 05:47 PM
ऊपरी शिमला की मुख्य आर्थिकी से जुड़ी ठियोग हाटकोटी ओर रोहड़ू सड़क पिछले 15 सालों से सियासत के हिचकोलों में अपना वजूद तलाश रही है। लेकिन प्रदेश में सत्तासीन रही दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस बारी बारी इस सड़क को खेल की पिच बनाकर क्रिकेट...
शिमला(सुरेश शर्मा) : ऊपरी शिमला की मुख्य आर्थिकी से जुड़ी ठियोग हाटकोटी ओर रोहड़ू सड़क पिछले 15 सालों से सियासत के हिचकोलों में अपना वजूद तलाश रही है। लेकिन प्रदेश में सत्तासीन रही दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस बारी बारी इस सड़क को खेल की पिच बनाकर क्रिकेट मैच की तरह गेंदबाज और बल्लेबाजी कर रही है। दोनों पार्टियां खुद को जिम्मेदारी से बचने के लिए एक दूसरे पर बयानों केे बाउंसर फेंकने के मौके तलाशती रहती है। जो एक दूसरे के माथे फोड़ दिए जाते है। कई सालों से करोड़ों की लागत से बन रही इस सड़क का काम 3 सरकारें बदल जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी कई जगह इस सड़क की हालत बेहद खस्ता है और लोग इसका खामियाजा भुगत रहे है।
इस सड़क के काम के लिए कई बड़ी कम्पनियों ने करोड़ों रुपए प्रदेश के खजाने से लुटा दिए। लेकिन सड़क का काम पूरा होने का नाम नही ले रहा है। कोटखाई से थोड़ी ही दूर निहारी के पास सड़क बेहद दयनीय हालत में है। कोटखाई, जुब्बल ओर रोहड़ू तक कई जगह सड़क का काम अधूरा लटका हुआ है। हर साल की तरह इस साल भी सेब का सीजन जोरों पर है। लेकिन इस सड़क की हालत को देखकर गाड़ी चलाना किसी खतरे से कम नहीं है। निहारी नाले के पास रोजाना घंटों का जाम लगता है। जिससे सेब मंडियों तक देरी से पहुंचना है और बागवानों को इससे बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। सड़क को पार करने के लिए गाड़ियों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन का कोई पहरेदार यंहा आने की जहमत नहीं उठाता।
इस सड़क पर ड्राइवर सहम जाते है। पथरों के गुटके बनाकर वाहनों का जोर जान जोखिम में डालकर वाहन चालक पहियों को सहारा देकर निकाल रहे है। नाले पर बना पूल अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है ओर किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है। वहीं राजनीति का शिकार नया पूल आधा अधूरा सरकारी जंग खा रहा है। लोगों का कहना है कि इस रोड़ के पूरा न होने से पर्यटकों की आस बांधे लोगों के सपने भी धूमिल हो गए है। एक ओर प्रदेश जंहा पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है। वहीं इस इलाके की अनदेखी की जा रही है। हाटकोटी, चांशल ओर गिरी गंगा को जंहा पर्यटकों के लिए विकसित किया जाना था। वहां इस सड़क की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है। पर्यटक इस सड़क की हालत देखकर दुसरो को भी आने के लिए मना कर देते है।