बिलासपुर में ऑटो रिक्शा यूनियन ने किया अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान

Edited By kirti, Updated: 20 Dec, 2018 01:10 PM

auto rickshaw union

शहर में बिना परमिट चल रही हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के कारण ठप्प हुए व्यवसाय से गुस्साए दी बिलासपुर ऑटो रिक्शा यूनियन के सदस्यों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैस वार्ता को संबोधित करते ...

 

बिलासपुर : शहर में बिना परमिट चल रही हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के कारण ठप्प हुए व्यवसाय से गुस्साए दी बिलासपुर ऑटो रिक्शा यूनियन के सदस्यों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए यूनियन के कानूनी सलाहकार अधिवक्ता प्रवेश चंदेल व यूनियन के प्रधान मोहम्मद रफी ने कहा कि यदि जिला प्रशासन ने 2 दिन के भीतर बिना परमिट के चल रही इन बसों को बंद नहीं किया तो यूनियन अपने स्तर पर इन बसों को रोकेगी और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि बिलासपुर शहर में बिना परमिट के 8 बसों को चलाया जा रहा है।

लोग बैंक की किस्तें भी नहीं दे पा रहे

 

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार ई-टैक्सी को लक्ष्मी नारायण मंदिर से चलाने की परमिशन मिली है लेकिन इसे बस अड्डे से चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन बसों के कारण 200 ऑटो रिक्शा संचालकों का कारोबार पूरी तरह प्रभावित होकर रह गया है। ऑटो रिक्शा यूनियन जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए किराए के अनुरूप ही पैसे ले रही है और यदि 3 सवारियां हों तो प्रत्येक सवारी से अस्पताल के 10 रुपए लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पैट्रोल व डीजल के दामों के अतिरिक्त कलपुर्जों के दाम व टैक्स भी बढ़ गए हैं। बैंकों से ऋण लेकर ऑटो चलाने वाले इन लोगों का काम प्रभावित होने के कारण ये लोग बैंक की किस्तें भी नहीं दे पा रहे हैं।

ऑटो रिक्शा संचालकों के कारोबार को छीनने का प्रयास

उन्होंने बताया कि एक तरफ तो सरकार स्वरोजगार की बात कर रही है और दूसरी तरफ नियमों को ताक पर रखकर बसें चलाकर ऑटो रिक्शा संचालकों के कारोबार को छीनने का प्रयास किया जा रहा है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूनियन इस बाबत 2 बार सदर विधायक व जिला प्रशासन को लिखकर अपना दुखड़ा सुना चुकी है लेकिन इसके बावजूद कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई जिस कारण यूनियन को मजबूरी में नियमों को ताक पर रखकर चल रही इन बसों को रोकने का निर्णय लेना पड़ा। इस अवसर पर यूनियन के महासचिव रविंद्र कुमार, रतन लाल, सुरेंद्र राणा, फिरोजखान व अनिल किशोर सहित कई लोग उपस्थित रहे।

 

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