यहां दोहरी सेवाएं दे रहे विशेषज्ञ के साथ एसोसिएट प्रोफैसर स्तर के चिकित्सक, पढ़ें खबर

Edited By kirti, Updated: 23 Oct, 2018 11:59 AM

associate professor level doctor with dual services specialist

क्या हम अपने कार्यालय आने-जाने का समय सरकारी नौकरी पाने के बाद शायद हर वर्ग का अधिकारी या कर्मचारी भूल चुका है। राज्य सरकार भी सब कुछ जानते हुए इसलिए आंखें मूंद सब सहन कर रही है, बोलने पर विभागों में चल रहे अभावों की सूची अधिकारी सरकार को भेज देते...

चम्बा : क्या हम अपने कार्यालय आने-जाने का समय सरकारी नौकरी पाने के बाद शायद हर वर्ग का अधिकारी या कर्मचारी भूल चुका है। राज्य सरकार भी सब कुछ जानते हुए इसलिए आंखें मूंद सब सहन कर रही है, बोलने पर विभागों में चल रहे अभावों की सूची अधिकारी सरकार को भेज देते हैं जिन पर चर्चा तो होती है लेकिन कार्रवाई नहीं। ऐसा कुछ आलम पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं चिकित्सालय चम्बा में चल रहा है जहां स्वास्थ्य सेवाएं को चलाने के लिए विभागीय सामान्य चिकित्सकों से लेकर विशेषज्ञ सहित एसोसेट प्रोफैसर स्तर के चिकित्सकों को दोहरी सेवाएं देनी पड़ रही हैं।

इसके बावजूद भी जिला के रोगियों को चिकित्सक अभाव से परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। पी.जे.एल.एन.एम.सी. एवं चिकित्सालय चम्बा के ओ.पी.डी. स्वास्थ्य सेवाओं के निरीक्षण के लिए सायं 3:00 बजे से 4:20 बजे तक भू-तल भाग में स्थित मेल ओ.पी.डी. कक्ष से में चिकित्सक का कक्ष खुला था लेकिन भीतर चिकित्सक की खाली कुर्सी ही नजर आ रही थी। पता चला कि मेल ओ.पी.डी. में सेवा देने वाले एसोसिएट प्रो. मैडीसन डा. सुभाष चंद चड्ढा को रोजाना मैडीकल प्रशिक्षुओं की कक्षा लेने के लिए जाना पड़ता है जिसके बाद मेल ओ.पी.डी. में कोई सेवा नहीं दे पाता है।

सोमवार को तो डा. चड्ढा पर ओ.पी.डी. व मैडीकल पीरियड लेने सहित चिकित्सा अधीक्षक का कार्यभार था जिसके चलते वह हर जगह सेवा देने का प्रयास करते रहे जिसमें सबसे अधिक प्रभावित दूरदराज से चिकित्सालय आने वाले रोगी परेशान हुए। इसके साथ लगते रोगी पंजीकरण कक्ष, एम.डी. के दोनों कक्षों में मैडीसन चिकित्सक विशेषज्ञ अपनी ड्यूटी पर हाजिर पाने सहित रोगियों की जांच करते पाए गए।

सायं 3:35 बजे  से लेेकर 3:55 बजे तक हड्डी विशेषज्ञ, सॢजकल, त्वचा रोग, डैंटल, शिशु, ई.एन.टी, नेत्र, टी.बी. ओ.पी.डी. में स्टाफ हाजिर होने सहित रोगियों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे जबकि प्रयोगशाला, महरम पट्टी, फिजियोथरैपी में गिने-चुना स्टाफ ही काम करता मिला। वापसी के दौरान सायं 4:15 बजे तक दोनों मैडीसन विशेषज्ञ अपने कक्षों में रोगियों की जांच करते मिले जोकि सहयोगी स्टाफ के लिए ड्यूटी में उदाहरण से कम नहीं है। 
 

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