CM जयराम ने आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने से किया साफ इंकार (Video)

Edited By kirti, Updated: 30 Aug, 2019 04:28 PM

हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के 10वें दिन सदन में आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, विक्रमादित्य सिंह और नेता विपक्ष के आउटसोर्स को लेकर पूछे गए नियमित और आरक्षण को लेकर सवाल के जवाब में जयराम ठाकुर ने साफ...

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के 10वें दिन सदन में आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, विक्रमादित्य सिंह और नेता विपक्ष के आउटसोर्स को लेकर पूछे गए नियमित और आरक्षण को लेकर सवाल के जवाब में जयराम ठाकुर ने साफ शब्दों में आउटसोर्स कर्मचारी को नियमित करने को लेकर किसी भी पालिसी से इनकार किया और बताया कि इस तरह की कोई नीति बनाने पर सरकार विचार नहीं कर रही है। आउटसोर्स को नीति न बनाए जाने को लेकर कोर्ट के साफ निर्देश है। प्रदेश में 12,165 आउटसोर्स कर्मचारी 94 कंपनी द्वारा रखे गए हैं। जिन के लिए साल के 153 करोड़ का व्यय हो रहा है। जिसमें से 130 करोड़ के लगभग कर्मचारियों के खाते में जाता है बाकी पैसा 23 करोड़ कंपनियों को जाता है।

जयराम ने कहा कि पिछले कई वर्षो से आउटसोर्स पर लोगों को रखा जाता है। सरकार ने बीते एक वर्ष 3100 लोगों को आउटसोर्स पर नियुक्तियां दी है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी का कब तक शोषण हाता रहेगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी नीति निर्धारण होना चाहिए। क्या सरकार पैसा आउटसोर्स कर्मचारी के खाते में सीधा डालने में विचार कर रही है। ख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि 1-7-2017 को बनी कांग्रेस के समय मे नीति के आधार पर ही सरकार भी काम कर रही है। आउटसोर्स रखने वाली कंपनियों को 18 %जीएसटी है। 2 से लेकर 10 %सर्विस चार्ज लगता है। सरकार सरकारी नौकरियां भी दे रही है। पीटीए को रेगुलर करने को लेकर भी कांग्रेस सरकार ने एक कार्यक्रम में वादा किया था लेकिन कैबिनेट में मामले को नहीं लाया गया।

जगत सिंह नेगी ने आउटसोर्स भर्ती पर आरक्षण देने को लेकर सरकार से सवाल किया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया। अग्निहोत्री ने कहा विपक्ष आउटसोर्स कर्मचारी के भविष्य को लेकर चिंतित है।नेता विपक्ष ने कहा कि बिचौलिए को बाहर करके सीधा फायदा आउटसोर्स कर्मचारी को देने के लिए सरकार कोई पालिसी बनाये ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण कम हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शोषण को कम करने के लिए बड़ी हुई दिहाड़ी दी जा रही है साढ़े 70 रुपए मासिक बढ़ाया गया है।कंपनियों को कर्मचारी का शोषण नहीं करने दिया जायेगा। शिकायत मिलने पर कंपनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स पर नियुक्ति देने को लेकर कोई पालिसी नहीं है। सरकारी नौकरियों पर सरकार आरक्षण दे रही है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनावों के वक्त भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर बयान दे चुके हैं। अब भाजपा सरकार बनने के बाद क्यों मुकर रही है। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों के समय भाजपा के किसी नेता ने ऐसी बात नहीं कही थी।लेकिन कांग्रेस ने जरूर पीटीए अधयापकों के साथ उन्हें नियमित करने का वादा किया था जो आज तक लटका पड़ा है।

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