Edited By Ekta, Updated: 11 Oct, 2019 10:04 AM
हिमाचल प्रदेश में करीब 2 साल के अंतराल के बाद विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होते हुए 9 अप्रैल, 2017 में भोरंज विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव हुआ था। कांग्रेस उस समय सत्ता में रहने के बावजूद यह उपचुनाव हार गई थी...
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश में करीब 2 साल के अंतराल के बाद विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होते हुए 9 अप्रैल, 2017 में भोरंज विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव हुआ था। कांग्रेस उस समय सत्ता में रहने के बावजूद यह उपचुनाव हार गई थी तथा भाजपा ने इस सीट पर 8,292 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। भोरंज विधानसभा क्षेत्र उस समय अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था और भाजपा ने अपनी परंपरागत सीट पर एक बार फिर से जीत दर्ज की। यह सीट पूर्व शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान के आकस्मिक निधन के कारण खाली हुई थी। ईश्वर दास धीमान 2 बार प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे और वह 6 बार विधायक रहे।
इस उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उनके बेटे डा. नवीन धीमान को प्रत्याशी बनाया गया था और वह जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। वर्ष, 2017 में हुए इस उपचुनाव में 5 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था। इसमें भाजपा और कांग्रेस के अलावा 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में थे। उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा प्रत्याशी डा. नवीन धीमान को 24,434 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला देवी को 16,144 वोट मिले।
इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी पवन कुमार को 4,630 वोट, डा. रमेश चंद डोगरा को 974 वोट और कुसुम को 403 वोट मिले थे। उपचुनाव में कुल 46,848 वोट पड़े थे। साथ ही 263 मतदाताओं ने नोटा भी दबाया था। उपचुनाव इस बार 2 विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के कारण करवाए जा रहे हैं। पच्छाद विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी गंगूराम मुसाफिर व भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप और धर्मशाला में कांग्रेस प्रत्याशी विजयइंद्र कर्ण का मुकाबला भाजपा के विशाल नेहरिया से है।