यहां से शुरू हुआ था आसाराम का पतन

Edited By Vijay, Updated: 26 Apr, 2018 12:09 AM

asaram s fall started here

आसाराम को उम्रकैद की सजा सुना दी गई लेकिन चम्बा के लोगों की जुबान पर एक बात साफ थी कि भोले बाबा पर विवादित टिप्पणी के बाद से ही आसाराम का पतन शुरू हो गया था।

चम्बा: आसाराम को उम्रकैद की सजा सुना दी गई लेकिन चम्बा के लोगों की जुबान पर एक बात साफ थी कि भोले बाबा पर विवादित टिप्पणी के बाद से ही आसाराम का पतन शुरू हो गया था। लोग मानते हैं कि जिला चम्बा के लोगों में आज भी आसाराम के उस बयान को लेकर नाराजगी है, जिसमें की आसाराम ने चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में अपने प्रवचन करते हुए मणिमहेश को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। 16 सितम्बर, 2010 को आसाराम की टिप्पणी को लेकर विवाद पैदा हो गया था, जिसके चलते अगले ही दिन जिला मुख्यालय में एक हिंदू संघ ने आसाराम के खिलाफ न सिर्फ धरना-प्रदर्शन किया था बल्कि उसका पुतला भी जलाया था। चम्बा में दिए विवादित बयान को लेकर लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि आसाराम को अपने इन बोल वचनों की कीमत समय आने पर चुकानी पड़ेगी। मणिमहेश को लेकर आसाराम द्वारा दिए गए इस विवादास्पद बयान के बाद एक के बाद एक विवाद में वह उलझता चला गया।


अखिल भारतीय हिंदू उत्थान सभा ने चेताया था आसाराम
अखिल भारतीय हिंदू उत्थान सभा चम्बा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भुवनेश्वर शर्मा कहते हैं कि मणिमहेश को लेकर आसाराम ने 16 सितम्बर को ऐतिहासिक चम्बा चौगान में जो विवादास्पद बयान दिया था, उसी दिन से उसका बुरा समय शुरू हो गया था क्योंकि भगवान शिव विनाशक के रूप में भी जाने जाते हैं। उनके प्रिय स्थान मणिमहेश के खिलाफ आसाराम की टिप्पणी पर अखिल भारतीय हिंदू उत्थान सभा ने पहले ही आसाराम को चेताया था कि वह मणिमहेश जाकर अपनी इस भूल की माफी मांगे नहीं तो उसे शिव के प्रकोप का भागीदार होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आसाराम की अहंकार में की गई टिप्पणी के बाद ही उसकी पोल खुलनी शुरू हो गई थी। 


मणिमहेश के बारे में की थी ये टिप्प्णी
आसाराम वर्ष 2010 में मणिमहेश यात्रा के दौरान इस यात्रा के लिए हवाई मार्ग से आया था लेकिन वह अपनी इस यात्रा को पूरा नहीं कर पाया था। 2 बार उसके हैलीकॉप्टर ने भरमौर से गौरीकुंड के लिए उड़ान भरी थी लेकिन दोनों बार मौसम ने आसाराम के हैलीकॉप्टर को गौरीकुंड में लैंड करने की अनुमति नहीं दी, ऐसे में 2 बार प्रयास करने के बाद जब दोनों बार असफल रहा तो आसाराम उलटे पांव चम्बा लौट आया था तो उसने चौगान में प्रवचन देते हुए कहा था कि मणिमहेश में कोई मणि नहीं है मणि तो मेरे पास है। 


निर्भया कांड पर भी कहे थे विवादित शब्द
जिला चम्बा में मणिमहेश बारे विवादित बयान के बाद वर्ष 2013 में आसाराम ने निर्भया गैंगरेप बारे कहा था- ‘‘केवल 5, 6 लोग ही अपराधी नहीं, बल्कि बलात्कार की शिकार हुई बिटिया भी उतनी ही दोषी है जितने बलात्कारी, वह अपराधियों को भाई कहकर पुकार सकती थी। इससे उसकी इज्जत और जान भी बच सकती थी। क्या ताली एक हाथ से बज सकती है’’?

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